Modi Cabinet Expansion: मोदी की टीम में होगा नए नेताओं का डेब्यू, यूपी का पलड़ा भारी
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Modi Cabinet Expansion: मोदी की टीम में होगा नए नेताओं का डेब्यू, यूपी का पलड़ा भारी

Modi Cabinet Expansion:  मोदी कैबिनट विस्तार में यूपी का पलड़ा भारी बताया जा रहा है. आइए जानते हैं, किस राज्य से किसे मौका मिल सकता है...

Modi Cabinet Expansion: मोदी की टीम में होगा नए नेताओं का डेब्यू, यूपी का पलड़ा भारी

नई दिल्ली:  Modi Cabinet Expansion: मोदी कैबिनेट में बदलाव की बात लंबे समय से चल रही है. अब बताया जा रहा है कि जल्द ही पीएम नरेंद्र मोदी अपने टीम में नए नेताओं को शामिल करने वाले हैं.  यह भी बताया जा रहा है कि उन्होंने कैबिनेट के नए सदस्यों के बारे में मंथन कर लिया है. जुलाई के पहले सप्ताह में इस लिस्ट पर मुहर भी लग सकती है.  मोदी कैबिनट विस्तार में यूपी का पलड़ा भारी बताया जा रहा है. आइए जानते हैं, किस राज्य से किसे मौका मिल सकता है...

यूपी से तीन लोगों को मिल सकता है मौका
उत्तर प्रदेश में साल 2022 में विधानसभा के चुनाव हैं. ऐसे में भाजपा कैबिनेट विस्तार के जरिए सामाजिक समीकरण को सही करने की कोशिश कर रही है. सबसे ज्यादा चर्चा अपना दल की नेता अनुप्रिया पटेल की हो रही है. वह मोदी-1.0 सरकार में कैबिनेट मंत्री थीं. इसके अलाव गोरखपुर क्षेत्र से किसी को मौका देने की चर्चा चल रही है. इसमें रवि किशन का नाम सामने आ रहा है. उन्हें बतौर ब्राह्मण चेहरे के तौर पर भी शामिल किया जा सकता है. इसके अलावा किसी जाट फेस को भी मौका मिल सकता है. प्रवीण निषाद और आरके बधेल के नाम की भी चर्चा चल रही है. 

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यूपी के बाद बिहार की बारी
उत्तर प्रदेश के अलावा बिहार में भी मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर माहौल गर्म है. सबसे ज्यादा इस बात पर बातें लड़ाईं जा रही हैं कि क्या चिराग पासवान को मौका मिलेगा? हालांकि, कुछ नाम लगभग तय बताए जा रहे हैं. इसमें बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी का नाम शामिल है. 11 साल डिप्टी सीएम रहने के बाद फिलहाल वे राज्यसभा के सदस्य हैं. इसके अलावा जेडीयू से भी दो मंत्री बनाए जा सकते हैं. गौरतलब है कि अभी तक जेडीयू केंद्र सरकार में शामिल नहीं है. 

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मध्य प्रदेश से सिंधिया, तो छत्तीसगढ़ से रमन सिंह हैं तैयार
मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार को गिराने में ज्योतिरादित्य सिंधिया का बड़ा हाथ रहा. उनके भाजपा में शामिल होने के बाद से ही कयास लगाए जा रहे हैं कि उन्हें मंत्री बनाया जा सकता है. उनकी संभावना काफी प्रबल है. इसके अलावा छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम रमन सिंह भी कैबिनेट की दौड़ में शामिल हैं. उनके साथ सरोज पाण्डेय भी रेस में शामिल हैं. 

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असम से सर्वानंद सोनेवाल, तो बंगाल में कई दावेदार
हाल ही में दो राज्यों में चुनाव खत्म हुए हैं. बंगाल में भाजपा ने टीएमसी के खिलाफ टक्कर देने की कोशिश की. हालांकि, चुनाव के बाद पार्टी के कई नेता टीएमसी में चले गए. ऐसे में पश्चिम बंगाल से मंत्री बनाए जाने की चर्चा है. इसमें निशीथ प्रामाणिक या दिलीप घोष में से कोई एक हो सकता है. इन दोनों के साथ मतुआ समाज के नेता शांतनु ठाकुर का भी नाम दौड़ में शामिल है. वहीं, असम में चुनाव जीतने के बाद सर्वानंद सोनेवाल को सीएम पद छोड़ना पड़ा. अब वह वापस मोदी कैबिनेट में शामिल हो सकते हैं. 

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महाराष्ट्र में भी कई दावेदार
बिहार और उत्तर प्रदेश के बाद कैबिनेट विस्तार को लेकर सबसे ज्यादा माहौल महाराष्ट्र में गर्म है. यहां  नारायण राणे के मंत्री बनने की चर्चा सबसे ज्यादा है. कभी शिवसेना, तो कभी कांग्रेस के साथ रहने वाले राणे फिलहाल भाजपा के साथ हैं. वहीं, सामाजिक समीकरण को ध्यान में रखते हुए दो और भी नाम चर्चा में चल रहा है. प्रीतम मुंडे और हिना गावित. बताया जा रहा है कि इस बार पंकजा मुंडे के ऊपर प्रीतम मुंडे चल रही हैं. वहीं, हिना गावित आदिवासी समुदाय से आती हैं. दो बार से सांसद हैं. 

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इन राज्यों में को भी मिलेगी हिस्सेदारी
पंजाब में चुनाव होने वाले हैं. पंजाब से राज्यमंत्री सोमनाथ को प्रमोशन मिल सकता है. इसके अलावा एक नए नाम को शामिल किया जा सकता है. उत्तराखंड में भी चुनाव होने वाले हैं. वहां से अनिल बलूनी और अजय टम्टा के नाम की चर्चा है. गौरतलब है कि इन दोनों की नाम की चर्चा सीएम रेस में भी शामिल थी. इसके अलावा लद्दाख से सांसद जामयांग नामग्याल, भाजपा प्रवक्ता जफर इस्लाम, राजस्थान से राहुल कासवान और हरियाणा से सुनीता दुग्गल का नाम पर चर्चा चली रही है. 

इसलिए हो रहा कैबिनेट विस्तार
साल 2019 में सरकार बनने के बाद से अभी तक एक बार भी कैबिनेट का विस्तार नहीं किया गया. जबकि अकाली दल और शिवसेना जैसी पार्टियां साथ छोड़कर चली गई हैं. उनका स्थान खाली है. रामविलास पासवान के निधन के बाद से भी किसी को शामिल नहीं किया गया है. वहीं, इस दौरान कई राज्यों में सत्ता परिवर्तन और राजनीतिक उठा-पठक हुई है. इस दौरान कई महात्वाकांक्षी नेता सामने आए हैं. इसके अलावा उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में होने वाले चुनावों पर मोदी सरकार का ध्यान है.

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