Sambhal Latest News/सुनील सिंह: यूपी के संभल की शाही जामा मस्जिद को लेकर किए गए सर्वे की रिपोर्ट ने विवाद को नया मोड़ दे दिया है. सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो और तस्वीरों के चलते कई सवाल उठाए गए, लेकिन कोर्ट कमिश्नर रमेश राघव ने अपनी सफाई में स्पष्ट किया है कि उनकी रिपोर्ट पूरी गोपनीयता और सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस के अनुसार सीलबंद लिफाफे में पेश की गई है. 


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वीडियोग्राफी और तस्वीरें 
सर्वे के दौरान कुल साढ़े चार घंटे की वीडियोग्राफी की गई और लगभग 1200 तस्वीरें ली गईं.


शाही जमा मस्जिद में दावा 
1. मस्जिद के परिसर में दो वट वृक्ष पाए गए. वट वृक्ष को हिंदू धर्म में मंदिरों में पूजनीय माना जाता है.


2. मस्जिद के अंदर और बाहर एक कुआं है, जिसका आधा भाग मस्जिद के भीतर और आधा बाहर है. बाहर वाले हिस्से को ढक दिया गया है. 


3. मस्जिद में लगभग 50 से ज्यादा फूलों के निशान मिले हैं. गुंबद के कुछ हिस्सों को प्लास्टर कर नया रूप दिया गया है. 


4. गुंबद के भीतर एक झूमर तार और चेन से लटका है, जो मंदिरों में घंटों को टांगने के लिए उपयोग किए जाने वाले उपकरणों जैसा है.


सूत्रों के मुताबिक
रिपोर्ट में संकेत मिले हैं कि मस्जिद की जगह पहले मंदिर था. हिंदू संगठनों का दावा है कि यहां पहले हरिहर मंदिर था, जिसे बाद में मस्जिद में बदल दिया गया.


सर्वे के दौरान हिंसा
24 नवंबर को सर्वे के आखिरी दिन अफवाहों के चलते हिंसा भड़क उठी थी, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई थी.


कोर्ट कमिश्नर रमेश राघव ने इन अफवाहों से खुद को अलग करते हुए कहा कि सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो और फोटो का उनकी रिपोर्ट से कोई संबंध नहीं है. 


अदालत का आदेश
रिपोर्ट फिलहाल सार्वजनिक नहीं की गई है, और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार इसे गोपनीय रखा गया है. लेकिन इस रिपोर्ट के बाद विवाद और गहराने की संभावना है. 


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