लखनऊ/: उत्तर प्रदेश का कुख्यात डॉन और मऊ से विधायक मुख्तार अंसारी को यूपी लाने की कवायद तेज हो गई है. मुख्तार को कभी प्रदेश में लाया जा सकता है. पंजाब सरकार ने यूपी गृह विभाग को पत्र लिखकर हैंडओवर लेने की बात कही है. अगर सबकुछ ठीक रहा तो अगले चार दिन के अंदर मुख्तार अंसारी को यूपी लाया जा सकता है. मुख्तार अंसारी को 2 साल तीन महीने बाद फिर से बांदा जेल में लाया जाएगा. जनवरी 2019 को बांदा जेल से पंजाब पुलिस को हवाले किया किया गया था. मुख्तार पर पंजाब में रंगदारी का मामला दर्ज हुआ था. 


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मुख़्तार अंसारी की कस्टडी हस्तांतरण को लेकर पंजाब सरकार की यूपी सरकार को लेटर लिखा है. यह लेटर अपर मुख्य सचिव गृह पंजाब ने यूपी के अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी को भेजा है. इसमें 8 अप्रैल से पहले मुख्तार अंसारी को यूपी हैंडओवर की बात लिखी गई है. इसमें पंजाब सरकार ने मुख्तार के स्वास्थ्य कारणों का भी हवाला दिया गया है. 


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खबर है कि मुख्तार अंसारी को पंजाब के रूपनगर जेल से यूपी पुलिस को सौंपा जाएगा. यहां से उसे सीधे बांदा जेल शिफ्ट किया जाएगा. पत्र में मोहाली में होने वाली 12 अप्रैल की सुनवाई में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग मुख्तार को जोड़ने को कहा गया है. पंजाब के एससीएस ने लिखा है कि मुख्तार को लाने के लिए विधिवत सुरक्षा और मेडिकल व्यवस्थाएं हों. शिफ़्टिंग के लिए वाहन का बंदोबस्त करते वक्त अंसारी की मेडिकल रिपोर्ट्स का ध्यान रखा जाए. 


एम्बुलेंस मामले में कसा शिकंजा
वहीं 31 मार्च को यूपी नंबर की जिस एम्बुलेंस में बैठकर मुख्तार अंसारी मोहाली कोर्ट मे पेश हुआ था, उसकी जांच भी यूपी पुलिस ने तेज कर दी है. सरकार ने एंबुलेंस मामले की जांच एसआईटी को सौंप दी है. बाराबंकी के एडिशनल एसपी नॉर्थ की अगुवाई में एसआईटी गठित की गई है. एक टीम इस मामले की छानबीन के लिए पंजाब गई है तो दूसरी टीम डॉ. आलका राय से पूछताछ के लिए मऊ पहुंची है. डॉ. अलका राय के हॉस्पिटल के नाम से यह एम्बुलेंस दर्ज है. एंबुलेंस मामले में बाराबंकी आरटीओ ने थाने में एफआईआर दर्ज कराई है. डॉ आलका राय को इस एफआईआर में नामजद किया गया है. यह एंबुलेंस (यूपी 41 एटी 7171) डॉ. राय के नाम से रजिस्टर्ड है. कहा ये भी जा रहा है कि अगर एसआईटी की टीम डॉ. आलका के जवाब से संतुष्ट नहीं होती है तो उनको गिरफ्तार भी किया जा सकता है.


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40 से ज्यादा आपराधिक मामले 
मुख्तार अंसारी पर 47 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिसको लेकर उत्तर प्रदेश की तमाम अदालतों में उनको पेश होना है, लेकिन मुख्तार अंसारी लगातार अपने स्वास्थ्य का हवाला देते हुए पंजाब की जेल में हैं. योगी सरकार मुख्तार अंसारी के गुर्गों के आर्थिक साम्राज्य को तोड़ने का काम कर रही है. अकेले मऊ में मुख्तार अंसारी के करीबियों के 22 करोड़ से अधिक की संपत्ति पर बुलडोजर चलाने का काम योगी सरकार ने किया है. 


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सुप्रीम कोर्ट ने दिए थे यूपी भेजने के आदेश
प्रदेश सरकार लंबे समय से मुख्तार अंसारी को लगातार यूपी लाने के लिए प्रयास कर रही थी, लेकिन पंजाब सरकार द्वारा मुख्तार अंसारी रोका जा रहा था. जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने 26 मार्च 2021 को पंजाब सरकार को मुख्तार अंसारी को 2 हफ्ते के अंदर भेजने के लिए निर्देश दिए थे. 8 अप्रैल को दो हफ्ते कि मियाद पूरी हो रही है. जिस पर पंजाब सरकार ने खुद यूपी सरकार को पत्र लिख मुख्तार को हैंडओवर करने की बात कही है. अगले चार दिन के अंदर मुख्तार अंसारी को यूपी लाया जा सकता है. मुख्तार अंसारी के खिलाफ पंजाब के एक कारोबारी से रंगदारी मामला दर्ज हुआ. यह केस रूपनगर में दर्ज हुआ. जिसके बाद पंजाब पुलिस उसे यूपी से रूपनगर थाने लेकर आई. वहां से कोर्ट में पेश किया गया. जहां से कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को रोपड़ जेल भेजने के आदेश दिए थे.


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