मुजफ्फरनगर महापंचायत का गठवाला खाप ने किया बायकॉट, कहा- BKU अब एक ही परिवार का रह गया
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मुजफ्फरनगर महापंचायत का गठवाला खाप ने किया बायकॉट, कहा- BKU अब एक ही परिवार का रह गया

गठवाला खाप चौधरियों का कहना है कि भारतीय किसान यूनियन अब एक ही परिवार की रह गई है. जिसमें राष्ट्रीय अध्यक्ष भी उनके परिवार से ,राष्ट्रीय प्रवक्ता भी उनके परिवार से ,राष्ट्रीय युवा अध्यक्ष भी उनके परिवार से और राष्ट्रीय महिला अध्यक्ष भी उनके परिवार से है.

मुजफ्फरनगर महापंचायत का गठवाला खाप ने किया बायकॉट, कहा- BKU अब एक ही परिवार का रह गया

श्रवण शर्मा/शामली: उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) जिले के जीआईसी मैदान में आज किसान महापंचायत (kisan Mahapanchayat) जारी है. महापंचायत को लेकर जहां हरियाणा, पंजाब राजस्थान, उत्तराखंड और बिहार से किसान पहुंच रहे हैं. वहीं, मुजफ्फरनगर के पड़ोसी जिलों में से करीब 9 खाप पंचायत चौधरियों ने महापंचायत का बायकॉट किया है. खाप चौधरी का कहना है कि ना हम लोग गए हैं और ना ही हम लोगों ने किसी अपने प्रतिनिधि को वहां भेजा है. क्षेत्र से जो भी दस, पांच परसेंट लोग गए हैं. वे अपनी इच्छा से गए हैं.

इसलिए महापंचायत का किया बायकॉट 
वहीं, गठवाला खाप चौधरियों का कहना है कि जो सिसौली में विधायक उमेश मलिक के ऊपर हमला हुआ था. उस मामले को खत्म कराने की बात कही थी. लेकिन, उन्होंने इस मामले में कुछ नहीं किया. इसलिए हमने महापंचायत को बायकॉट किया है. हमें समाज को एक साथ रखना चाहिए. किसान पंचायत में जाने के लिए हमने किसी को मना नहीं किया और जो गया अपनी स्वेच्छा से गया है. हमने वहां अपना कोई प्रतिनिधि बनाकर नहीं भेजा है. जिस चौधरी को महापंचायत में प्रतिनिधि बनाया गया, वह हमारा प्रतिनिधि नहीं है.

"पश्चिमी उत्तर प्रदेश से किसानों की सेवा करने कुछ लोग गए हैं'
गठवाला खाप चौधरियों का कहना है कि जिस बात को लेकर महापंचायत की गई है. उस कृषि बिल को लेकर किसान भी सरकार से बात कर सकते हैं. आज महापंचायत का रिजल्ट आ जाएगा. महापंचायत में पश्चिम उत्तर प्रदेश का किसान बहुत कम है. जो पश्चिमी उत्तर प्रदेश से गए वह कुछ लोग किसानों की सेवा करने गए और कुछ वैसे ही पंचायत देखने गए हैं. 

'भारतीय किसान यूनियन अब एक ही परिवार की रह गई है'
उनका कहना है कि पश्चिम उत्तर प्रदेश से जितना किसान पहुंचना चाहिए था. उतना किसान नहीं पहुंचा है. पुराने समय में जब चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत जीते थे, तब उनके समय कोई महापंचायत होती तो एक रणसिंघा बजता था. वह बिहार तक सुनाई देता था, अब हालात क्या है कि भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष को घर घर घूमना पड़ रहा है. भारतीय किसान यूनियन अब एक ही परिवार की रह गई है. जिसमें राष्ट्रीय अध्यक्ष भी उनके परिवार से ,राष्ट्रीय प्रवक्ता भी उनके परिवार से ,राष्ट्रीय युवा अध्यक्ष भी उनके परिवार से और राष्ट्रीय महिला अध्यक्ष भी उनके परिवार से है.

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