UP Nagar Nikay Chunav 2022 : उत्तर प्रदेश में नगर निकाय चुनाव की तारीखों की घोषणा कभी भी हो सकती है. इसके पहले नगर निगम, नगरपालिका और नगर पंचायत के चेयरमैन और पार्षदों का चुनाव प्रचार खर्च जारी किया गया है.
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UP Nagar Nikay Chunav 2023 : नगर निकाय चुनाव में चुनाव प्रचार खर्च निर्वाचन आयोग उत्तर प्रदेश ने बढ़ा दिया है. उम्मीदवार निकाय चुनाव में डेढ़ गुना ज्यादा खर्च कर सकेंगे. मेयर नगर पालिका अध्यक्ष और नगर पंचायत अध्यक्ष से लेकर अध्यक्ष तक की खर्च सीमा में बढ़ोतरी की गई है.अगले दो दिनों में शहरी निकाय चुनाव की घोषणा के आसार बन रहे हैं. आयोग को शासन से निकायों के आरक्षण सूची का इंतजार है.
यूपी नगर निकाय चुनाव में नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायत चुनाव में उम्मीदवारों के चुनाव प्रचार पर खर्च की सीमा अभी निम्नवत है. नगर निगम में वार्ड संख्या 80 से अधिक होने पर महापौर प्रत्याशी 40 लाख रुपये और 80 से कम वार्ड वाले मेयर प्रत्याशी अधिकतम 35 लाख रुपये तक खर्च कर पाएंगे.
नगर निगम और नगरपालिका के पार्षद प्रत्याशी अधिकतम 3 लाख रुपये खर्च कर पाएंगे. नगर पालिका परिषद अध्यक्ष पद के प्रत्याशी अधिकतम 9 लाख रुपये और सभासद प्रत्याशी 2.5 लाख रुपये तक खर्च कर पाएंगे. नगर पंचायत अध्यक्ष प्रत्याशी अधिकतम 2.5 लाख रुपये और नगर पालिका सदस्य 50000 रुपये तक खर्च कर पाएंगे.
वहीं यूपी नगर निकाय चुनाव के लिए निर्देशन पत्रों और जमानत राशि भी तय की गई है. नगर निकाय चुनाव में खर्च सीमा निर्धारण किया जा चुका है. यूपी राज्य निर्वाचन आयोग ने सभी जिलों को इदिशानिर्देश जारी कर दिए हैं. महापौर के सामान्य वर्ग के लिए 1000 रुपये का निर्देश पत्र और 12,000 रुपये की जमानत राशि देय होगी. वहीं अनुसूचित जाति-अनुसूजित जनजाति (SC-ST) और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के लिए 500 रुपये का नाम निर्देशन पत्र और 6000 रुपये की जमानत राशि देनी होगी.
नगर पालिका परिषद अध्यक्ष के सामान्य वर्ग उम्मीदवारों के लिए 500 रुपये का नाम निर्देशन पत्र और 8000 रुपये की जमानत गारंटी देनी होगी. जबकि एससी-एसटी और ओबीसी के लिए 250 रुपये का नाम निर्देशन पत्र और 4000 रुपये की जमानत राशि देनी होगी. नगर पंचायत अध्यक्ष के लिए 250 रुपये नाम निर्देशन पत्र और 5000 रुपये की जमानत राशि देनी होगी.
नगर निकाय चुनाव की घोषणा10-11 अप्रैल को हो सकती है. चुनाव तिथियां घोषित होते ही नगर निकाय के पूरे क्षेत्र में चुनाव आचार संहिता लागू हो जाएगी. निर्वाचन आयोग पार्टी और प्रत्याशियों के चुनाव खर्च की निगरानी करेंगे. चुनाव आयोग हर जिले में पर्यवेक्षक के जरिये इन प्रत्याशियों के प्रचार खर्च पर नजर रखेंगे. सोशल मीडिया कंपेन की भी निगरानी की जाएगी.
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