UP Nikay Chunav 2023 :  उत्तर प्रदेश नगर निकाय चुनाव में ओबीसी सर्वे के लिए बने पांच सदस्यीय आयोग की रिपोर्ट यूपी कैबिनेट के समक्ष दी रखी गई है. वहीं ओबीसी आरक्षण सर्वे के लिए बने आयोग के अध्यक्ष राम अवतार सिंह ने कहा कि हमने सभी 75 जिलों का दौरा किया. इस दौरान जनता और अन्य जनप्रतिनिधियों के बीच सबसे बड़ी शिकायत चक्रानुक्रम आरक्षण की मिली.


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आयोग ने पाया कि रिजर्वेशन (OBC Reservation) के रोटेशन में गड़बड़ियां थीं. जहां एससी सीट थी तो वो लंबे समय से उसी के लिए आरक्षित थी, जहां ओबीसी या सामान्य थी, वहां भी रोटेशन की बजाय वही आरक्षण चला आ रहा था. अवतार सिंह ने कहा कि हमने अपनी रिपोर्ट में ओबीसी जातियों के प्रतिनिधित्व के आधार पर अपनी सिफारिशें की हैं कि कितनी नगर पालिका, कितने नगर निगम में किस वर्ग के लिए कितना आरक्षण हो. सिंह ने कहा कि पुराने रैपिड टेस्ट के आधार पर म्यूनिसिपल इलेक्शन में तय कोटा सही नहीं था. 


आयोग के अध्यक्ष ने कहा है कि 350 पेज की रिपोर्ट में क्या है, इस पर वो खुलासा नहीं कर सकते. ये रिपोर्ट माननीय न्यायालय के समक्ष सरकार को सौंपनी है. अगर इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ओबीसी कमीशन की रिपोर्ट पर मुहर लगा देती है तो अप्रैल मध्य तक चुनाव कराए जाने की संभावना हो सकती है. 


सिंह ने कहा कि किस स्तर पर गड़बड़ी हुई उनके बारे में वो नहीं कह सकते है. जनता, पूर्व जन प्रतिनिधियों से इस बारे में बात की गई है. ज्यादातर लोगों की शिकायत रोटेशन औऱ रैपिड टेस्ट को लेकर थी. रिपोर्ट पर आगे कार्यवाही को लेकर सिंह ने कहा कि अब उन्होंने सरकार को अनुशंसा दी है. ओबीसी की 27 फीसदी आबादी के हिसाब से कितनी सीटें बनती हैं, वो उन्होंने रिपोर्ट में लिख दी हैं और अब उस पर आगे देखते हैं क्या होता है.


 


आरक्षण के रोटेशन में 30-40 साल से थीं गड़बड़, OBC कमीशन अध्यक्ष ने रैपिड टेस्ट पर कही बड़ी बात