अयोध्या नगर निगम के लिए तैयार है सियासी जंग का मैदान, जानिए क्या है जातीय समीकरण
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अयोध्या नगर निगम के लिए तैयार है सियासी जंग का मैदान, जानिए क्या है जातीय समीकरण

Ayodhya: राम की नगरी अयोध्या में बीजेपी, कांग्रेस और सपा तीनो दलों के प्रत्याशियों ने नॉमिनेशन फाइल कर दिया है. यहां से बीजेपी ने महंत गिरीशपति त्रिपाठी को चुनाव मैदान में उतारा है वहीं कांग्रेस से प्रमिला राजपूत और सपा से आशीष पांडे मैदान में हैं.

अयोध्या नगर निगम के लिए तैयार है सियासी जंग का मैदान, जानिए क्या है जातीय समीकरण

सत्यप्रकाश/अयोध्या : नगर निकाय चुनाव के दूसरे चरण में चल रहे नामांकन के अंतिम दिन मे भाजपा के मेयर प्रत्याशी महंत गिरीशपति त्रिपाठी ने नामांकन दाखिल किया. उन्होंने 4 सेट में नामांकन दाखिल किया. नॉमिनेशन करने की बाद महंत गिरीशपति त्रिपाठी ने कहा कि ''अयोध्या अब पूरी दुनिया का सांस्कृतिक केंद्र बनने जा रहा है. हमारे आराध्य प्रभु श्री राम का भव्य मंदिर बन रहा है,धीरे-धीरे पूरी दुनिया को भगवान राम का संदेश देने के लिए अयोध्या समर्थ और सक्षम हो रहा है, मेरा यह प्रयास होगा कि सांस्कृतिक केंद्र कैसे विकसित हो न सिर्फ अयोध्या न सिर्फ उत्तर प्रदेश न सिर्फ भारत बल्कि पूरे देश दुनिया की संस्कृति राममय हो. इसके लिए अयोध्या को विकसित करने का प्रयास किया जा रहा है.'' व्यापारियों के नाराजगी पर बोले महंत गिरीशपति त्रिपाठी,कहा ''कोई व्यापारी नाराज नहीं है. परिवार में जब कुछ व्यवस्थाएं सुधरती हैं कुछ बदलती है. जाहिर सी बात है कुछ लोगों को असुविधा होती है लेकिन यह सब परिवार के लोग हैं'' कांग्रेस पार्टी की ओर से मेयर पद के प्रत्याशी प्रमिला राजपूत ने  भी अपना नामांकन पत्र दाखिल कर दिया है.सपा की ओर से यहां से मेयर पद के लिए आशीष पांडे दीपू प्रत्याशी हैं.
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कितने मतदाता हैं अयोध्या नगर निगम में
अयोध्या नगर निगम में लगभग 3,32,464 वोटर हैं जिसमें 50 फीसदी ग्रामीण 50 फीसदी शहरी 1,10,000 श्रवण हैं, 60,000 मुस्लिम, बैकवर्ड 70,000, एससी-एसटी 40,000 और 25,000 साधु संत हैं. अब सवाल यह है कि जातीय समीकरण के हिसाब से अयोध्या में किसकी जीत होगी और कौन बनेगा अयोध्या का मेयर. यह आने वाली तारीख में पता चलेगा, लेकिन अयोध्या का मेयर बनने के लिए हर सियासी दल ने अपनी पूरी ताकत लगा दी है. सवाल है कि अयोध्या की जनता इस बार परिवर्तन करेगी या एक बार फिर दोबारा से मेयर की वापसी होगी. यह आने वाला वक्त तय करेगा कि अयोध्या की जनता का फैसला क्या है.

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