एसपी सिटी संजय कुमार ने बताया कि फिरोसेपुर निवासी नसीम अहमद पर मरकज से लौटे बांग्लादेशियों को शरण दिलाने और उनकी जानकारी छिपाने का आरोप था. दो मुकदमे दर्ज करने के बाद नसीम को हिरासत में लिया था.
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अजीत सिंह/जौनपुर: उत्तर प्रदेश के जौनपुर में तब्लीगी जमात से संबंध रखने वाले नसीम अहमद की मौत हो गई है. मंगलवार रात तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. पुलिस के मुताबिक नसीम कई दिनों से बीमार चल रहा था.
एसपी सिटी संजय कुमार ने बताया कि फिरोसेपुर निवासी नसीम अहमद पर मरकज से लौटे बांग्लादेशियों को शरण दिलाने और उनकी जानकारी छिपाने का आरोप था. दो मुकदमे दर्ज करने के बाद नसीम को हिरासत में लिया था. पहले नसीम को शिया कॉलेज में क्वारंटीन किया, बाद में कोर्ट के आदेश पर प्रसाद इंस्टीट्यूट में बनी अस्थायी जेल में रखा था.
जिलाधिकारी ने बताया कि 28 तारीख को नसीम अहमद को हॉर्ट अटैक आने के बाद इलाज के लिए बीएचयू रेफर किया था. जहां से उपचार के बाद वापस 30 अप्रैल को अस्थाई जेल में भेज दिया. मंगलवार रात दोबारा हार्ट अटैक आने पर उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया. जहां उनकी मौत हो गई.
प्रशासनिक लापरवाही से हुई मौत: परिजन
परिजनों का आरोप है कि नसीम अहमद की मौत प्रशासन की लापरवाही से हुई. नसीम के करीबी मो. शोएब ने बताया कि नसीम को पहले से दिक्कत थी. उनका इलाज सर गंगाराम नई दिल्ली और पीजीआई हॉस्पिटल लखनऊ से चल रहा था. कई बार पुलिस अधिकारियों से रिक्वेस्ट के बावजूद उन्हें घर जाने की इजाजत नहीं दी. जिसकी वजह से उनकी तबीयत बिगड़ी और मौत हो गई.