Ayodhya News: श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट नए पुजारियों (अर्चकों) की नियुक्ति करने जा रहा है...जिसके लिए इच्छुक अर्चकों से आवेदन करने के लिए कहा गया है...ये आवेदन अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले होगी...
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Ayodhya News: अयोध्या (Ayodhya) में जैसे-जैसे राम मंदिर के उद्घाटन की तारीख नजदीक आ रही है वैसे-वैसे श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट भगवान राम के प्राण प्रतिष्ठा समारोह को भव्य बनाने की तैयारी भी तेज हो गई है. अगले साल 22 जनवरी 2024 को भगवान राम अपने भव्य दिव्य नव निर्मित भवन में विराजमान होंगे. भव्य राम मंदिर का निर्माण करने वाला श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के साथ ही उनकी पूजा करने की व्यवस्था में व्यापक बदलाव करेगा. इसके लिए ट्रस्ट की ओर से तैयारियां शुरू हो गई हैं. भगवान रामलला के दैनिक श्रृंगार पूजन और भोग की व्यवस्था करने के लिए इच्छुक अर्चकों से आवेदन मांगे गए हैं.
योग्य अर्चकों की नियुक्तियां
अगले साल रामलला नए भवन में विराजमान हो जाएंगे. रामलला की दैनिक अर्चना के लिए अब योग्य अर्चकों की नियुक्तियां की जाएगी. जो भी इन पदों पर नियुक्ति चाहता है वो इसके लिए अप्लाई कर सकता है. इसके लिए आवश्यक है कि इच्छुक कैंडीडेट्स को प्रशिक्षण कार्यक्रम पूरा करना होगा. इस प्रशिक्षण का नाम श्रीराम जन्मभूमि अर्चक प्रशिक्षण रखा गया है. इन नियुक्तियों के लिए 30 अक्टूबर तक आवेदन मांगे गए हैं.
योग्य अर्चकों के लिए प्रवेश परीक्षा
इन नियुक्तियों के लिए प्रवेश परीक्षा का आयोजन किया जाएगा. योग्य अर्चकों के लिए निर्धारित योग्यता के अभ्यर्थी ही शामिल हो सकेंगे. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से कोई भी योग्य व्यक्ति ऑनलाइन आवेदन कर सकता है. ये आवेदन आप 31 अक्टूबर तक कर सकते हैं. अयोध्या क्षेत्र के अभ्यर्थियों को वरीयता दी जाएगी. मंदिर ट्रस्ट के सदस्य डॉ अनिल मिश्र के मुताबिक, अभ्यर्थियों की उम्र 20 से 30 वर्ष के बीच होनी चाहिए. इन अभ्यर्थियों को पारंपरिक गुरुकुल से शिक्षा, रामानंदीय दीक्षा से दीक्षित, षण्मासिक पूर्ण आवासीय प्रशिक्षणधारी होना चाहिए.
दिया जाएगा प्रमाण पत्र
मंदिर ट्रस्ट प्रशिक्षण के लिए सिलेक्टेड अभ्यर्थियों को प्रशिक्षण के दौरान रहने और खाने का इंतजाम किया जाएगा. इतना ही नहीं उन्हें प्रशिक्षण के दौरान 2 हजार रुपये मासिक छात्रवृत्ति भी दी जाएगी. प्रशिक्षण के दौरान विद्वान आचार्य वैदिक प्रक्रिया का प्रशिक्षण देंगे. प्रशिक्षण पूरा होने के बाद अर्चक प्रमाण पत्र भी दिया जाएगा. ये अर्चक प्रमाण पत्र मंदिर ट्रस्ट जारी करेगा. जिन अभ्यर्थियों को ये प्रमाण पत्र मिलेगा वह ही मंदिर के अर्चक के चयन बोर्ड के सामने प्रस्तुत होंगे. जिसके बाद चयन बोर्ड ही उनका अंतिम चयन करने के लिए अधिकृत रहेगा.
घर-घर में पहुंचाई जाएगी 'राम ज्योति'
राममंदिर की प्राण प्रतिष्ठा से पहले देश के माहोल को राममय बनाया जाएगा. इससे पहले श्री राम जन्मभूमि मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले राम ज्योति भारत के घर-घर में पहुंचेगी. शुक्रवार से इसकी शुरुआत हो गई. इस ज्योति को अयोध्या से पहला जत्था लेकर राजस्थान रवाना हो गया है. राम ज्योति को राजस्थान के 51000 मंदिरों के साथ घर-घर तक जाकर पहुंचाया जाएगा. यही नहीं राजस्थान में रावण दहन भी इसी राम ज्योति के जरिए किया जाएगा, इसी तरह देश के अन्य प्रदेशों में राम ज्योति भेजी जाएगी. बता दें कि ये 'राम ज्योति' श्री राम जन्मभूमि मंदिर की ज्योति से प्रज्ज्वलित की गई है.
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