नोएडा बाइक बोट घोटाला: ईओडब्ल्यू की बड़ी कार्रवाई, 5 जिलों में छापा मारकर बरामद कीं 178 बाइकें
नोएडा के बहुचर्चित बाइक बोट घोटाले में इकॉनमिक ऑफेंस विंग यानि ईओडब्ल्यू ने सोमवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए इस कंपनी से जुड़ीं 178 बाइकें बरामद की हैं. इसके लिए ईओडब्ल्यू की टीम ने अलग-अलग जिलों में छापेमारी की और कंपनी की बाइकें बरामद कीं.
नोएडा के बहुचर्चित बाइक बोट घोटाले में इकॉनमिक ऑफेंस विंग यानि ईओडब्ल्यू ने सोमवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए इस कंपनी से जुड़ीं 178 बाइकें बरामद की हैं. इसके लिए ईओडब्ल्यू की टीम ने अलग-अलग जिलों में छापेमारी की और कंपनी की बाइकें बरामद कीं. बाइक बोट घोटाले के तार पश्चिमी यूपी के कई जिलों से जुड़े हुए हैं. घोटाले में मोटर साइकिलों के नाम पर इंवेस्टर्स से ठगी की गई थी.
गाजियाबाद में मिलीं सबसे ज्यादा मोटर साइकिलें
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिलों में ईओडब्ल्यू की टीमों ने छापेमारी की. गाजियाबाद से सबसे ज्यादा 72 मोटर साइकिलें बरामद की गई हैं. इसके अलावा बाइक बोट कंपनी से जुड़ी हुईं 50 बाइकें मुजफ्फरनगर से, 22 हापुड़ से, 21 मेरठ से और 13 बागपत से बरामद की गईं हैं. इन गाड़ियों को घोटाले के मामले में पहले ही गिरफ्तार किए गए शिल्पी राज, इरफान, कुलदीप त्यागी, राजेश रानी, विकास लांबा और कपिल कुमार की निशानदेही पर बरामद किया गया.
इसी साल फरवरी में EOW को सौंपी गई थी जांच
आर्थिक अपराध अनुसंधान के डीजी आरपी सिंह ने बताया कि बाइक बोट घोटाले में अलग-अलग जिलों में 57 मुकदमे दर्ज किए गए थे. इस मामले की जांच 14 फरवरी को ईओडब्ल्यू को सौंपी गई थी.
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कंपनी बनाकर लोगों को इस तरह ठगा
बाइक बोट घोटाले के मुख्य आरोपी संजय भाटी समेत 19 लोगों ने मिलकर गर्वित इनोवेटिव प्रमोटर्स लिमिटेड की बाइक बोट स्कीम के तहत अलग-अलग जिलों में फ्रेंचाइजी खोली. कंपनी की ओर से लोगों को निवेश के लिए आकर्षित करने की ऐसी योजना बताई गई कि इंवेस्टर्स इनके झांसे में फंस गए. एक बाइक में 62200 रुपये का निवेश करने पर 9765 रुपये प्रतिमाह के हिसाब से 12 महीने तक पैसे देने का वादा किया गया. शुरुआत में काफी लोगों को पैसा दिया भी गया जिससे कंपनी के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ता गया और बड़ी संख्या में लोगों ने निवेश करना शुरू कर दिया. अच्छा खासा इंवेस्टमेंट आने के बाद अचानक कंपनी गायब हो गई.
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अलग-अलग जिलों में दर्ज हैं मुकदमे
कंपनी के नाम पर मुजफ्फरनगर, मेरठ, गाजियाबाद समेत पश्चिमी यूपी के कई जिलों में मुकदमे दर्ज हैं. मामले की गंभीरता को देखते हुए इसकी जांच ईओडब्ल्यू को सौंपी गई. नोएडा में इस फ्रॉड कंपनी को लेकर कई गिरफ्तारियां हो चुकी हैं. पैसा डायवर्ट करने के मामले में दर्जनों खाते भी सील किए जा चुके हैं. आखिरकार कंपनी से जुड़ी मोटर साइकिलें भी बरामद करने का सिलसिला शुरू कर दिया गया है. ये वाहन गर्वित इनोवेटिव प्रमोटर्स के नाम से रजिस्टर्ड हैं. मोटर साइकिलें बजाज कंपनी की हैं और इन पर बाइकबोट का स्टिकर भी लगा हुआ है. इनमें से ज्यादातर बाइकें नई हैं और गोदामों में ही खड़ी थीं.
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