लखनऊ: उत्तर प्रदेश में तेजी से बढ़ते कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखकर योगी सरकार ने सात जिलों के सरकारी मेडिकल कॉलेजों एवं चिकित्सा संस्थानों में ओपीडी सेवाएं बंद करने का निर्णय लिया है.


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कोविड और नॉन कोविड मरीजों को उचित इलाज मुहैया कराने के लिए अस्पतालों की ओपीडी से सामान्य मरीजों की भीड़ को कम करना जरूरी था. इसके लिए यह फैसला किया गया है. सामान्य मरीज टेलीमेडिसिन सुविधा के जरिए डॉक्टरी परामर्श ले सकेंगे.


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लखनऊ, प्रयागराज, कानपुर, गोरखपुर, आगरा, झांसी व मेरठ के सरकारी मेडिकल कालेजों में ओपीडी सेवाएं बंद करने के निर्देश शासन की ओर से दिए गए हैं. इन अस्पतालों में अत्यंत जरूरी सर्जरी को छोड़कर शेष सभी प्रकार के ऑपरेशन टालने के निर्देश दिए गए हैं.


जो मरीज किसी असाध्य रोग से पीड़ित हैं उन्हें इलाज की सुविधा पहले की तरह ही मिलती रहेगी. साथ ही इमरजेंसी व ट्रामा सेंटर्स को सातों दिन 24 घंटे चालू रखने के लिए कहा गया है. 


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विशेष सचिव (चिकित्सा शिक्षा) की ओर से इस बारे में मंगलवार को आदेश जारी कर दिए गए. इसके तहत लखनऊ, प्रयागराज, कानपुर, गोरखपुर, आगरा, झांसी व मेरठ के सरकारी मेडिकल कालेजों में ओपीडी बंद करने के साथ-साथ आइपीडी की सेवाएं भी सीमित कर दी गई हैं.


नियोनेटल सेवाएं व एंटीनेटल क्लीनिक, कैंसर मरीजों की कीमोथैरेपी व रेडियोथैरेपी तथा किडनी के मरीजों की डायलिसिस सुविधा पूर्व की भांति चालू रहेगी.


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