राज्यपाल अगर इस अध्यादेश पर मुहर लगा देती हैं तो यह उत्तर प्रदेश में कानून के रूप में लागू हो जाएगा.
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लखनऊ: उत्तर प्रदेश में लव-जिहाद और धर्म परिवर्तन की घटनाओं पर लगाम कसने के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ ने सख्त कदम उठाया है. बीते मंगलवार को सीएम योगी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में एक अध्यादेश को मंजूरी दी गई थी. अब 'विधि-विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश-2020' उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मंजूरी लेने के लिए राजभवन भेजा गया है. राज्यपाल अगर इस अध्यादेश पर मुहर लगा देती हैं तो यह उत्तर प्रदेश में कानून के रूप में लागू हो जाएगा.
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आरोपी को हो सकती है 10 साल तक की सजा
इस कानून के लागू होने के बाद छल-कपट और जबरन धर्मांतरण के मामलों में 1-10 साल तक की सजा हो सकती है. खासकर किसी नाबालिग लड़की या अनुसूचित जाति-जनजाति की महिला का छल से या जबरन धर्म परिवर्तन कराने के मामले में दोषी को 3-10 साल तक की सजा भुगतनी होगी.
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