Coronavirus से बचाएंगे पहाड़ी अनाज, लोगों ने बदला मिजाज, अपना रहे ये खान-पान
Advertisement
trendingNow0/india/up-uttarakhand/uputtarakhand666385

Coronavirus से बचाएंगे पहाड़ी अनाज, लोगों ने बदला मिजाज, अपना रहे ये खान-पान

कोरोना संकट के बीच लोग पारंपरिक अनाजों के साथ जैविक तरीके से उगाई जा रही सब्जियों और फलों को खरीदना पसंद कर रहे हैं.

फाइल फोटो

नैनीताल: कोरोना संकट के बीच लोग पारंपरिक अनाजों के साथ जैविक तरीके से उगाई जा रही सब्जियों और फलों को खरीदना पसंद कर रहे हैं. नैनीताल के रामगढ़, धारी ब्लॉक में कई काश्तकारों ने जैविक तरीके से सब्जियों फलों का उत्पादन शुरू कर दिया है.

ये हैं पहाड़ी उत्पाद
उत्तराखंड के कई इलाकों में अब धीरे-धीरे 12 अनाजी व्यवस्था के साथ-साथ जैविक उत्पाद शुरू किए जा रहे हैं. जिनमें गेहूं,मंडुवा,मक्का,जौ,झंगोरा, काला भट्ट,सोयाबीन, राजमा,कुट्टू,भंगजीरा,रामदना, गहत,फाफर, कौणी, बाजरा,बाकू चना,नौरंगी,लोभिया,तोर शामिल हैं.

जैविक उत्पादों की बढ़ी डिमांड
जैविक उत्पाद परिषद की पूर्व अध्यक्ष विनीता साह मानती हैं कि पहाड़ के पारंपरिक अनाजों का बहुत महत्व होता है जो शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा देते हैं कोरोना वायरस संकट में ऐसे उत्पादों की डिमांड काफी बढ़ती जा रही है.

ये भी पढ़ें: उत्तराखंड में भी इस तारीख तक बढ़ सकता है लॉकडाउन, केंद्र सरकार को भेजा जाएगा प्रस्ताव

जानकारों की मानें तो उत्तराखंड में 12 अनाज व्यवस्था सदियों से चली आ रही थी. इसमें बैलेंस डाइट भी हुआ करती थी जो सर्दियों में शरीर को गर्म रखने के साथ ही कई बीमारियों से बचाती थी. लेकिन वक्त के साथ लोगों ने इसे छोड़ दिया. मगर अब कोरोना वायरस जैसी बीमारी से लड़ने के लिए लोग बदल रहे हैं.

WATCH LIVE TV: 

Trending news