धनतेरस के दिन झाड़ू खरीदना फलदायी होता है. इस दिन यूं ही कोई भी झाड़ू न खरीद लें. इस दिन केवल सीक या फूल वाली झाड़ू ही खरीदना चाहिए. इससे मां लक्ष्मी खुश होती हैं.
धनतेरस के दिन खरीदी गई नई झाड़ू को किचन या बेडरूम के अंदर न रखें. इसे पलंग के नीचे या पैसों की अलमारी के आसपास न रखें.
साथ ही ध्यान रहे कि झाड़ू खरीदते वक्त वह पतली या मुरझाई सी न हों. उसकी तीलियां अच्छी कंडीशन में होनी चाहिए और ये जितनी ज्यादा घनी होगी, उतना अच्छा होगा.
धनतेरस के दिन प्लास्टिक की झाड़ू नहीं खरीदनी चाहिए. धनतेरस पर प्लास्टिक का सामान खरीदने से भी बचना चाहिए. प्लास्टिक एक अशुद्ध धातु है, जिसकी धनतेरस पर खरीदारी नहीं करनी चाहिए.
धनतेरस पर नई झाड़ू लाने के बाद उसका सीधे प्रयोग न करने लगें. पहले पुरानी झाड़ू की पूजा करें. फिर नई झाड़ू को कुमकुम और अक्षत अर्पित करें. इसके बाद ही इसका इस्तेमाल शुरू करें.
बता दें कि इस बार धनतेरस का त्योहार 29 अक्टूबर को मनाया जाएगा. मत्स्य पुराण के अनुसार, झाड़ू को मां लक्ष्मी का रूप माना गया है. ऐसी मान्यता है कि झाड़ू से घर की गंदगी के साथ ही दरिद्रता भी दूर होती है.
यही वजह है कि धनतेरस के दिन सभी घरों में नई झाड़ू लाई जाती है और उसके बाद इसका पूजन भी किया जाता है. धनतेरस के दिन नया झाड़ू खरीदने के बाद उस पर सफेद रंग का धागा भी बांधना चाहिए.
लेख में दी गई ये जानकारी सामान्य स्रोतों से इकट्ठा की गई है. इसकी प्रामाणिकता की जिम्मेदारी हमारी नहीं है. एआई के काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.