उत्तरकाशी की सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाले जाने के बाद से ही फिल्म मेकर्स के बीच टाइटल्स को लेकर होड़ मची है. सभी फिल्म मेकर्स में इस घटना पर फिल्म बनाने की होड़ लगी है.
उत्तरकाशी की सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाला जा चुका है, तो अब इस पर फिल्म बनाने के लिए फिल्म मेकर्स के बीच टाइटल्स को लेकर होड़ लगी हुई है.
बॉलीवुड में इन दिनों सच्ची घटनाओं पर जमकर कई फिल्में बनाई जा रही हैं. 1 दिसबंर को सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली विक्की कौशल की मोस्ट अवेटेड फिल्म 'सैम बहादुर' भी सच्ची घटनाओं पर बनी है.
अगर बात करें यूजर्स की तो उन्हें भी सच्ची घटनाओं पर बनी फिल्में अधिक पसंद आती हैं. अब तक शेरशाह, दंगल, एयरलिफ्ट और भी कई अन्य फिल्में है जो सच्ची घटनाओं पर आधारित हैं.
मुंबई में इंडियन मोशन पिक्चर प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन (आईएमपीपीए), प्रोड्यूसर्स गिल्ड ऑफ इंडिया और इंडियन फिल्म एंड टेलीविजन प्रोड्यूसर्स काउंसिल (आईएफटीपीसी) के कार्यालयों में विभिन्न फिल्म शीर्षकों को रजिस्टर करने के लिए कई अनुरोध आए हैं.
अभी तक कई फिल्मों के नाम रजिस्टर कराने की रिस्वेस्ट भी आ चुकी है. कई फिल्म निर्माता और प्रोडक्शन हाउस भारत के सफल मिशन के आधार पर फिल्म के शीर्षक रजिस्टर कराने की होड़ में हैं.
अभिनेता अनिल नागरथ, जो आईएमपीपीए के अध्यक्ष भी हैं, उनका कहना है कि उनके कार्यालय को टाइटल रजिस्ट्रेशन के लिए पहले ही कुछ अनुरोध प्राप्त हो चुके हैं. 'रेस्क्यू, रेस्क्यू-41, और मिशन 41- द ग्रेट रेस्क्यू' ऐसे टाइटल्स हैं, जो पहले ही पंजीकृत हो चुके हैं. इनके अलावा भी कई नाम के रिक्वेस्ट आए हुए हैं.
अभिनेता अनिल नागरथ ने यह भी कहा की अगले कुछ दिनों में, हम सभी अनुरोधों की समीक्षा करेंगे और कहा की पहले आओ पहले पाओ उसी के आधार पर अनुमति हम देंगे.
अभिनेता, निर्माता और निर्देशक जमनादास मजेठिया, जो आईएफटीपीसी के अध्यक्ष भी हैं, उनका मानना है कि बहुत से लोग अपने टाइटल रजिस्ट्रेशन करने के लिए दौड़ते हैं, लेकिन केवल एक या दो फिल्में ही बन पाती हैं. टाइटल रजिस्ट्रेशन करना एक आसान काम है, लेकिन फिल्म बनाना एक कठिन प्रक्रिया है.
जब वास्तविक जीवन की घटना पर फिल्म बनाने की बात आती है तो इसमें कई अनुमतियां शामिल होती हैं, इसलिए हमें इंतजार करना होगा और देखना होगा कि कितनी फिल्में बनती हैं.
व्यापार विशेषज्ञ गिरीश वानखेड़े का कहना है कि इस विषय पर एक अच्छी फिल्म बनाई जा सकती है. उन्होनें कहा 'मैं बचाव मिशन के आसपास टाइटल रजिस्टर करने की जल्दबाजी से आश्चर्यचकित नहीं हूं. हमारे पास अतीत में काला पत्थर थी, जिसने बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन नहीं किया था, लेकिन फिल्म को सिने प्रेमियों के साथ-साथ आलोचकों द्वारा भी सराहा गया था.