एफएसएसएआई ने कैल्शियम कार्बाइड के इस्तेमाल के खिलाफ चेतावनी दी हैं , पके आमों को कैसै पहचाने
फलों के राजा आम का हर साल बेसब्री से सबको इंतजार रहता है. लगभग हर कोई इसे खाना पसंद करता है. आम का सेवन लोग कई तरह से करते हैं, जैसे- काटकर, शेक, आम पन्ना और अचार बनाकर. लेकिन फिर भी आम ऐसे तरीके से खाना जरूरी है, जो अच्छे स्वास्थ्य को बढ़ावा दे.
अल्फांसो आम , चौसा , केसर आम , केसर आम , सफेदा आम , दशहरी
एफएसएसएआई के मुताबिक, आम पकाने के लिए कैल्शियम कार्बाइड के इस्तेमाल पर 2011 से प्रतिबंध लगा हुआ है, लेकिन कई फल व्यापारी इस हानिकारक केमिकल का इस्तेमाल अभी भी आम पकाने में कर रहे हैं, जिससे लोगों के स्वास्थ्य को गंभीर नुकसान पहुंच सकता है.
विशेषज्ञों के अनुसार, कैल्शियम कार्बाइड से पके आम में प्राकृतिक रूप से पके आम की तुलना में काले धब्बे और अधिक तेज गंध हो सकती है. और इसको खरीदे जाने के कुछ दिन बाद खराब हो जाते है .
आम को पकाने के लिए कैल्शियम कार्बाइड का उपयोग किया जाता है . इसको खाने के बाद आपको चक्कर आना, बार-बार प्यास लगना, जलन, कमजोरी, निगलने में कठिनाई, उल्टी और त्वचा में अल्सर जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है
कैल्शियम कार्बाइड फलों को पकाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है, जिससे एसिटिलीन गैस निकलती है. इसमें आर्सेनिक और फास्फोरस के हार्मफुल पार्ट्स होते हैं, जिससे कैंसर जैसी कई गंभीर बीमारियों के होने की संभावना काफी हद तक बढ़ सकती है. साथ ही यह जानलेवा भी साबित हो सकती है.
एथिलीन एक महत्वपूर्ण प्राकृतिक पादप हार्मोन है जिसका उपयोग फलों को जल्दी पकाने में किया जाता है. एथिलीन का जलयोजन करने पर एथिल अल्कोहल मिलता है. एथिलीन एक सरलतम अल्कीन है.