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यूपी के इस शहर में 210 साल पुराना शून्‍य मंदिर, कहलाता है मोक्ष का प्रवेश द्वार

वाराणसी में वैसे तो कई प्राचीन मंदिर हैं. ज्‍यादातर मंदिरों का कायाकल्‍प भी हो चुका है. काशी में ही एक दरवाजों का मंदिर है, जो करीब 210 साल पुराना है. अब इस मंदिर का भी कायाकल्‍प होने वाला है. तो आइये जानते हैं यूपी के दरवाजों वाले मंदिर का इतिहास?. 

कब हुआ निर्माण?

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कब हुआ निर्माण?

वाराणसी के भेलूपुर में गुरुधाम मंदिर बना है. इस मंदिर का निर्माण राजा जयनारायण घोषाल ने अपने गुरु के लिए साल 1814 में कराया था. 

8 दरवाजे

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8 दरवाजे

मिश्रित शैली में निर्मित यह मंदिर योग और तंत्र विद्या पर आधारित है. खास बात यह है कि इस मंदिर में 8 प्रवेश द्वार हैं. 

 

सात द्वार

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सात द्वार

इतना ही नहीं इस मंदिर के सात द्वार सप्‍तपुरियों अयोध्‍या, मथुरा, हरिद्वार, काशी, कांची, उज्‍जैन और पुरी के प्रतीक हैं. आठवां द्वार गुरु का द्वार है. 

काशी का प्रवेश द्वार

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काशी का प्रवेश द्वार

जानकारों का कहना है कि गुरुधाम मंदिर का प्रवेश द्वार काशी द्वार है. इसके बाद गुरु मंदिर स्थित है. मंदिर के भूतल से जाने के लिए सीढ़ी बनी है. 

तीन तल में बना है मंदिर

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तीन तल में बना है मंदिर

मंदिर के पहले तल पर गर्भगृह बना है. पहले तल के ऊपर एक और फ्लोर है. दूसरे तल पर राधा-कृष्ण और तीसरे तल पर व्योम यानी शून्य का प्रतिक मंदिर है. 

योग-साधना का प्रतीक

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योग-साधना का प्रतीक

कहा जाता है कि द्वितीय तल योग-साधना की चरम अवस्‍था का प्रतीक है. मंदिर के पहले तल पर गुरु वशिष्‍ठ और अरुंधति की मूर्ति स्‍थापित थी. 

पहला अनोखा शून्‍य मंदिर

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पहला अनोखा शून्‍य मंदिर

यह देश का पहला अनोखा शून्य मंदिर यानी गुरुधाम मंदिर है, जो अष्टकोणीय है. योग और तंत्र साधना के दृष्टि से बना इस तीन मंजिले मंदिर में कई रहस्य आज भी छिपे हैं. 

कितने क्षेत्रफल में फैला है

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कितने क्षेत्रफल में फैला है

गुरुधाम मंदिर करीब 84 बीघे में बना है. इस मंदिर का मुख्य उद्देश्य गुरु के सानिध्य से ईश्वर की प्राप्ति और ईश्वर से व्योम यानी मोक्ष की प्राप्ति संभव होती है. 

अष्‍टकोणीय मंदिर

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अष्‍टकोणीय मंदिर

इस मंदिर में कभी 8 द्वार हुआ करते थे, जिसके नाम पर इसे अष्टकोणीय मंदिर भी कहा जाता था. 

ऐसे दो और मंदिर

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ऐसे दो और मंदिर

योग और तंत्र साधना के भाव से बने ऐसे मंदिर भारत में दो जगहों पर है. इसमें से एक बंगाल के हतेश्वरी में और दूसरा दक्षिण भारत के भदलुर में स्थित है. 

पीएम मोदी देंगे सौगात

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पीएम मोदी देंगे सौगात

अब इस मंदिर का कायाकल्‍प होने जा रहा है. पीएम मोदी 20 अक्‍टूबर को वाराणसी आ रहे हैं. इस दौरान वह 1300 करोड़ रुपये की परियोजनाओं की सौगात देंगे. 

फसाड लाइटें लगाई जाएंगी

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फसाड लाइटें लगाई जाएंगी

इसके तहत मंदिर के रेनोवेशन का काम किया जाएगा. इसमें फसाड लाइटें भी लगाई जाएंगी. मंदिर के पास एक पाथवे का भी निर्माण होगा. इसमें करीब तीन करोड़ रुपये का खर्च आएगा.