टीचर्स डे स्पेशल: भारत शुरू से संतों और गुरूओं की भूमि रहा है. चाहे फिर बात भगवान श्रीकृष्ण से लेकर भगवान परशुराम की हो. या फिर गुरू द्रोण और चाणक्य की. आज हम ऐसे ही कुछ खेलों के महान गुरूओं की बात करेंगे. जिन्होंने न कि खुद खेलते हुए भारत का नाम रोशन किया है, बल्कि कोच और गुरू बनने के बाद आने वाले खिलाड़यों का मार्गदर्शन किया है.
भारत के स्टार स्विंग गेदबाज भुवनेश्वर कुमार के बचपन के कोच रहे हैं संजय रस्तोगी. भुवी के साथ इन्होंने बारत के युवा और पूर्व अंडर-19 कप्तान प्रियम गर्ग के भी कोच संजय रस्तोगी हैं.
भारत के बेहतरीन फिल्डर और ताबड़तोड़ बल्लेबाज रहे सुरेश रैना के बचपन के कोच रहे हैं. सतपाल कृष्णन. इनकी ही कोचिंग के अंदर रैना ने क्रिकेट की बारीकियों को सीखा था.
क्रिकेट जगत में तारक सिन्हा का नाम भी बड़े आदर के साथ लिया जाता है. ऋषभ पंत को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट तक पहुंचाने में उनके कोच ने अहम भूमिका निभाई. उत्तराखंड में जन्मे पंत ने अपने ज्यादातर शुरुआती साल दिल्ली के तारक सिन्हा की कोचिंग के अंदर आइकॉनिक क्लब सॉनेट में बिताए हैं.
उत्तराखंड से नाता रखने वाले जसपाल राणा एक सफल निशानेबाजी के कोच के साथ खुद मेडल विजेता खिलाड़ी रहे हैं. इनकी ही कोचिंग के अंदर मनु भाकर ने पेरिस ओलंपिक 2024 में दो मेडल जीते थे.
सैयद अब्दुल रहीम का भारतीय फुटबॉल जगत में सबसे ज्यादा आदरणीय कोच में नाम आता है. इनकी कोचिंग के अंदर ही भारत का फुटबॉस इतिहास स्वर्णिम रहा है. इन्होंने साल 1950 से 1963 तक भारतीय टीम के कोच पद पर रहे हैं.
भारतीय बैडमिंटन में पुलेला गोपीचंद का नाम सबसे अग्रिम कोच के रूप में आता है. वह खुद एक बेहतरीन खिलाड़ी रहे हैं. 2001 में ऑल इंग्लैंड ओपन बैडमिंटन चैंपियनशिप जीत कर पुलेला गोपीचंद ने अपने खेल का लोहा मनवाया था. इनके शिष्यों में साइना नेहवाल से लेकर पी वी सिंधु तक का नाम शामिल है.
भारत के सबसे प्रसिद्ध बैडमिंटन खिलाड़ी और कोच में पूर्व विश्व नंबर एक प्रकाश पादुकोण का नाम आता है. 1980 में ऑल इंग्लैंड ओपन बैडमिंटन चैंपियनशिप जीतने वाले यह पहले भारतीय थे. इनके शिष्यों में लक्ष्य सेन का नाम आता है.
राहुल द्रविड़ भारतीय खेल जगत में किसी भी परिचय का मोहताज नहीं है. खिलाड़ी से लेकर कप्तान ओर फिर एक कोच के रूप में राहुल द्रविड़ ने अपना रोल हमेशा से बखूबी से निभाया है. इन्हीं की कोचिंग में भारत ने 2024 में टी-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप जीता था.
सतापल सिंह भारत के एक प्रसिद्ध पहलवान रहे हैं. इन्होंने 1982 के एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीता था. इसके साथ ही एक कोच के रूप में सतपाल सिंह ने ओलंपिक पदक विजेता पहलवान दिए हैं. इवके शिष्यों में सुशील कुमार और रवि कुमार दहिया हैं.
गुरबख्श सिंह संधू के नाम को भारत खेल जगत में हर कोई बड़े आदर के साथ लेता है. गुरबख्श सिंह संधू भारत के सबसे सफल बॉक्सिंग कोच रहे हैं. इनके शिष्यों में विजेंद्र सिंह जैसे ओलंपिक पदक विजेता खिलाड़ियों का नाम आता है.