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Shardiya Navratri 2020: इस बार 'माता की सवारी' बदल देगी दुनिया की चाल, जानिए किसका होगा फायदा?

पंडित दयानन्द शास्त्री जी के अनुसार नवरात्रि का विशेष नक्षत्रों और योगों के साथ आना मनुष्य जीवन पर खास प्रभाव डालता है. इस वर्ष देवी अश्व यानि घोड़े पर आ रही हैं, जो कि युद्ध का प्रतीक होता है. इससे शासन और सत्ता पर बुरा असर होता है.

इन पर होगी मां की कृपा

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इन पर होगी मां की कृपा

हालांकि जिन लोगों पर देवी की विशेष कृपा होगी उनके अपने जीवन में अश्व की गति के सामान ही सफलता की प्राप्ति होगी. इसलिए नवरात्रि के दौरान पूरे मन से देवी की अरााधना करें, व्रत करें एवं मां प्रसन्न करने की हर संभव कोशिश करें. शास्त्रों के अनुसार माँ दुर्गा प्रत्येक नवरात्रि पर्व के प्रथम दिन अलग-अलग वाहनों पर सवार होकर अपने भक्तों को वरदान देने आती हैं.

ये नहीं है शुभ संकेत

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ये नहीं है शुभ संकेत

शनिवार के दिन आश्विन शुक्ल प्रतिपदा होने से मां दुर्गा का वाहन अश्व होगा. एक और संयोग यह भी कि वासंतिक नवरात्रि चैत्र शुक्ल प्रतिपदा 2021 को भी माँ का वाहन अश्व ही रहेगा. लगातार दो नवरात्रि में एक वाहन होने के कारण आने वाले एक वर्ष में देश दुनिया के लिए शुभ संकेत नहीं है.

दुनिया के लिए बढ़ेगी मुश्किल

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दुनिया के लिए बढ़ेगी मुश्किल

तुला राशि पश्चिम दिशा की स्वामिनी है. शनिवार होने के फलस्वरूप शनि भी पश्चिम दिशा के स्वामी हैं और अश्व को भी इसी दिशा का कारक माना जाता है. ऐसे में पश्चिम के देशों में प्राकृतिक आपदा, अग्निकांड, आंधी-तूफ़ान, साम्प्रदायिकता और आतंकवाद जैसे घटनाओं का बोलबाला रहेगा.  तीसरे विश्वयुद्ध का खतरा बराबर बना रहेगा. जनता पर बेरोजगारी तथा महंगाई का बोझ और बढ़ेगा.

 

बड़े परिवर्तन के संकेत

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बड़े परिवर्तन के संकेत

रविवार और सोमवार को नवरात्रि का शुभारम्भ हो तो माँ दुर्गा का वाहन हाथी है जो अत्यंत जल की वृष्टि कराने वाला संकेत होता है. शनिवार और मंगलवार को नवरात्रि का शुभारंभ हो तो माँ का आगमन घोड़े पर होता है, जो राजा अथवा सरकार के परिवर्तन का संकेत देता है. (जानिए बाकी दिनों में क्या होती है मां की सवारी )

नौका पर माता का आगमन शुभ

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नौका पर माता का आगमन शुभ

गुरुवार और शुक्रवार को नवरात्रि का प्रथम दिन पड़े तो माँ का आगमन डोली में होता है जो जन-धन की हानि, तांडव, रक्तपात होना बताता है. अगर नवरात्रि का शुभारंभ बुधवार हो तो माँ दुर्गा 'नौका' पर विराजमान होकर आती हैं और अपने सभी भक्तों को अभीष्ट सिद्धि देती हैं.

मां लेंगी कठिन परीक्षा

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मां लेंगी कठिन परीक्षा

इस प्रकार 17 अक्टूबर, शनिवार से आरंभ होने वाले नवरात्रि के दिन माँ दुर्गा घोड़े पर सवार होकर अपने भक्तों के घर आ रही हैं जो भक्ति की कठिन परीक्षा लेने वाली हैं. मां दुर्गा की वापसी में भैंसे की सवारी करके जायेंगी. (जानिए भैंसे में वापसी करने के संकेत)

मां की वापसी देगी ये संकेत

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मां की वापसी देगी ये संकेत

रविवार और सोमवार को नवरात्रि का समापन हो तो माँ भैंसे की सवारी से जाती हैं, जिससे देश में रोग और शोक बढ़ता है. शनिवार और मंगलवार को नवरात्रि का समापन हो तो माँ मुर्गे पर सवार होकर जाती हैं, जो दुख और कष्ट की वृद्धि कराता है.

मां भगवती का वाहन देता है संकेत

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मां भगवती का वाहन देता है संकेत

बुधवार और शुक्रवार को नवरात्रि का समापन होने पर मां की वापसी हाथी पर होती है जो अति वृष्टि सूचक है.जबकि गुरुवार को नवरात्रि समापन होने पर माँ भगवती मनुष्य के ऊपर सवार होकर जाती हैं जो सुख और शांति की वृद्धि होती है. इस प्रकार मां का आना और जाना दोनों ही अशुभ संकेत दे रहा.

उथल-पुथल की आशंका

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उथल-पुथल की आशंका

अश्व पर माता का आगमन छत्र भंग, पड़ोसी देशों से युद्ध, आंधी तूफान लाने वाला होता है. ऐसे में आने वाले साल में कुछ राज्यों में सत्ता में उथल-पुथल हो सकता है. सरकार को किसी बात से जन विरोध का भी सामना करना पड़ सकता है. कृषि के मामले में आने वाल साल सामान्य रहेगा. देश के कई भागों में कम वर्षा होने से कृषि का हानि और किसानों को परेशानी होगी.

ज्योतिष में माता के वाहन बहुत कुछ कहते हैं

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ज्योतिष में माता के वाहन बहुत कुछ कहते हैं

वैसे तो मां भगवती का वाहन शेर है लेकिन मां हर साल नवरात्र के दिनों में अलग-अलग वाहन से भक्तों को दर्शन देने आती हैं. देवी भगवती पुराण के अनुसार, मां दुर्गा जिस वाहन से पृथ्वी पर आती हैं, वह आने वाली घटनाओं के संकेत देती हैं.