कब है तुलसी विवाह?, चार महीने से शुभ-मांगलिक कार्यों का इंतजार होगा खत्‍म

अभी पितृपक्ष चल रहा है. ऐसे में इन दिनों शादी-विवाह सहित शुभ काम नहीं होते. पितृपक्ष खत्‍म होते ही त्‍योहारों का सीजन शुरू हो जाएगा. तभी शादी विवाह और शुभ कार्य भी शुरू हो जाएंगे. मान्‍यता है कि तुलसी विवाह पर शादी विवाह जैसे मांगलिक कार्य भी शुरू हो जाते हैं.

अमितेश पांडेय Sep 27, 2024, 17:51 PM IST
1/9

यह है मान्‍यता

मान्‍यता है कि देवउठनी एकादशी के दिन ही 4 महीनों से योगनिद्रा में लीन भगवान श्रीहरि विष्‍णु जागते हैं. इसके बाद से सगाई, शादी, मुंडन-जनेऊ, गृह प्रवेश जैसे शुभ-मांगलिक आयोजन शुरू हो जाते हैं. 

2/9

तुलसी से विवाह

कार्तिक महीने के शुक्‍ल पक्ष की एकादशी को भगवान विष्‍णु जागते हैं और फिर देवी तुलसी जी से विवाह रचाते हैं. इसी के साथ शादी-विवाह कार्यक्रम शुरू हो जाते हैं. 

3/9

देवोत्‍थान एकादशी

देवउठनी एकादशी को देवोत्‍थान एकादशी और प्रबोधिनी एकादशी भी कहते हैं. देवउठनी एकादशी का विशेष महत्‍व भी है.  

4/9

शुभ मुहूर्त

वैदिक पंचांग के मुताबिक, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 11 नवंबर 2024 की शाम 06 बजकर 47 मिनट से शुरू होगी और 12 नवंबर 2024 की शाम 04 बजकर 03 मिनट पर खत्म होगी. 

5/9

तुलसी विवाह कब

उदयातिथि को आधार मानते हुए 12 नवंबर को देवउठनी एकादशी मनाई जाएगी. इसके अगले दिन तुलसी विवाह होगा. 

6/9

शुभ-मांगलिक काम

तुलसी विवाह का दिन शुभ-मांगलिक काम करने के लिए बेहद शुभ है. साथ ही देवउठनी एकादशी को बहुत अहम माना गया है. 

7/9

सुख-समृद्धि

इस दिन व्रत रखना श्रीहरि-तुलसी जी की पूजा करना अपार सुख-समृद्धि देता है. इस साल देवउठनी एकादशी का पारण समय 13 नवंबर को सुबह 06 बजकर 41 मिनट से लेकर 08 बजकर 52 मिनट तक है. 

8/9

देवउठनी एकादशी पर कई शुभ योग

इस साल देवउठनी एकादशी पर कई शुभ योग बन रहे हैं. 12 नवंबर 2024 को देवउठनी एकादशी के दिन हर्षण योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग जैसे शुभ योगों का संयोग बन रहा है. 

 

9/9

भगवान विष्‍णु और मां लक्ष्‍मी की पूजा

इन शुभ योगों में भगवान विष्‍णु और मां लक्ष्‍मी की पूजा करना बेहद शुभ फल देगा. साथ ही सारी मनोकामनाएं पूरी होंगी. 

ZEENEWS TRENDING STORIES

By continuing to use the site, you agree to the use of cookies. You can find out more by Tapping this link