नैनीताल में झील तो बहुत हैं लेकिन सैलानियों को वाटरफॉल की कमी हमेशा से खलती रहती है. लेकिन, अब लेक डिस्ट्रिक ऑफ इंडिया में आप झीलों के साथ झरने का भी दीदार कर सकते हैं और झरना भी ऐसा जिसमें सतरंगी दीदार होते हैं.
नैनीताल में दो झरने हैं एक कॉर्बेट और दूसरा भालुगाड झरना. मुक्तेश्वर से करीब 20 किमी की दूरी पर खूबसूरत भालुगाड वाटरफॉल है. बरसात में इस झरने में काफी पानी होता है. भालुगाड वाटरफॉल की देखरेख तीन गांव चौखुटा, गजार और बुरांसी की एक समिति करती है. इस वाटरफॉल की खूबसूरती के साथ आपको कुमाऊं की ग्रामीण पर्यटन की झलकियां भी दिखाई देती हैं. भालुगाड वाटरफॉल विकास समिति के सचिव पूरण सिंह बिष्ट ने कहा कि झरना से जो पानी निकलती है. उसे 3 जगह पार करना पड़ता है और मात्र एक ही जगह पर पुल बना है.
भालुगाड झरना अपने आप में खास है इसमें इंद्रधनुष के रंग दिखाई देते हैं. सूरज की किरणें जैसे जैसे ऊपर जाती हैं, झरने पर इंद्रधनुष भी ऊपर की तरफ बढ़ता रहता है. भालुगाड वाटरफॉल में अभी बड़ी संख्या में सैलानी पहुंच रहे हैं. हालांकि, अभी यहां मूलभूत सुविधाएं विकसित किये जाने की जरूरत है. पर्यटन विभाग ने इस झरने को 13 डिस्ट्रिक्ट 13 डेस्टिनेशन योजना में शामिल किया है. सैलानियों को ये झरना किसी सपने जैसा लगता है.
भालुगाड झरने तक पहुंचने के लिए आपको पहले मुक्तेश्वर जाना होगा. वहां से आप भालुगाड वाटर फॉल आसानी से जा सकते हैं. हर दिन बड़ी संख्या में सैलानी इस झरने को देखने के लिए आ रहे हैं. स्थानीय पर्यटक भी इस झरने को देख कर मंत्रमुग्ध हो जाते हैं.