अक्सर कुछ लोगों को मानसिक अशांति की समस्या रहती है. सबकुछ ठीक होने पर भी मन अशांत रहता है. ऐसे लोगों को पंचमुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए. यह मानसिक शांति और सकारात्मकता बढ़ाता है.
कहते हैं जीवन में पहला सुख निरोगी काया, दूजा सुख घर में हो माया है. अच्छा स्वास्थ्य सबसे बड़ी नियामत होता है. इसलिए अगर किसी का स्वास्थ्य अक्सर खराब रहता है तो उसे ग्यारह मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए. यह स्वास्थ्य में सुधार लाता है.
अच्छा कमाते हैं लेकिन फिर भी घर में बरकत नहीं हो रही है और कोई ना कोई वित्तीय समस्या लगी ही रहती है. तो आपको सात मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिये. यह धन-संपत्ति में वृद्धि और समृद्धि लाता है.
जीवन में खूब धन-दौलत हो लेकिन अगर संतान न हो तो सारी धन-दौलत बेकार लगती है, और अगर आप भी इस कष्ट से गुजर रहे हैं तो आपको छह मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिये. यह संतान सुख और परिवारिक खुशियों में वृद्धि करता है.
ज्ञान सभी के लिए आवश्यक और विद्यार्थियों के लिए तो यह सर्वोपरि है. कहा जाता है कि चार मुखी रुद्राक्ष धारण करने से विद्या और ज्ञान में वृद्धि होती है.
अगर आपका विवाह या आपके परिवार में किसी का विवाह होने में बार-बार दिक्कत आ रही है तो इस प्रकार की परेशानी को दूर करने के लिए दो मुखी रुद्राक्ष धारण करने की सलाह दी जाती है. दो मुखी रुद्राक्ष वैवाहिक जीवन में सुख-शांति भी लाता है.
शत्रुओं और बाधाओं से हर कोई मुक्ति चाहता है. अगर आपके शत्रु आप पर हावी हो रही हैं या आपके कामों में कोई न कोई बाधा आती है. तो आपको आठ मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए.
तमाम शिक्षा-दीक्षा आत्मविश्वास के बगैर बेकार साबित हो जाती है तो आपको तीन मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिये, यह आत्मविश्वास और ऊर्जा में वृद्धि करता है.
जिन लोगों की ध्यान और आध्यामिकता में रुचि तो है लेकिन मन नहीं लगता ऐसे व्यक्तियों को एक मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिये. यह ध्यान और आध्यात्मिक उन्नति में सहायक है.
मौजूदा दौर में मानसिक तनाव और अच्छे खानपान की वजह से हृदय रोग की समस्या बढ़ती जा रही है कहा जाता है कि नौ मुखी रुद्राक्ष हृदय रोग की समस्या को कम करता है, हृदय को स्वस्थ रखता है.
लेख में दी गई जानकारी मान्यताओं पर आधारित है. ये जानकारी विभिन्न स्रोतों से ली गई है. ZEE UP/UK इसकी प्रमाणिकत और सटीकता की पुष्टि नहीं करता है. ज्यादा जानकारी के लिए विशेषज्ञ से संपर्क करें.