IPS राजीव कृष्ण के हाथों में UP पुलिस भर्ती की कमान, आगरा से बीहड़ तक अपराधियों में आज भी `सिंघम` का खौफ
यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा कल यानी 23 अगस्त से शुरू हो रही है. पांच दिनों तक चलने वाली यूपी पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में करीब 48 लाख अभ्यर्थी शामिल हो रहे हैं. फरवरी में पेपर लीक होने के चलते इस बार परीक्षा कराना चुनौतीपूर्ण बना हुआ है.
कौन हैं राजीव कृष्णा?
साल 1991 बैच के आईपीएस अफसर राजीव कृष्णा उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड के डीजी का कार्यभार संभाल रहे हैं.
कांस्टेबल परीक्षा की जिम्मेदारी
यूपी पुलिस कांस्टेबल के 60,244 पदों के लिए लिखित परीक्षा की जिम्मेदारी राजीव कृष्णा के कंधों पर है. परीक्षा शुरू होने से पहले उन्होंने तैयारियां की जानकारी दी.
कहां के रहने वाले
लखनऊ के रहने वाले राजीव कृष्ण का जन्म 20 जून 1969 को हुआ था. उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन से इंजीनियरिंग की डिग्री ली है.
यूपीएससी क्रैक किया
इसके बाद राजीव कृष्णा ने सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करने का फैसला लिया. साल 1991 में उन्होंने यूपीएससी क्रैक कर लिया.
1995 में पहला प्रमोशन
आईपीएस की ट्रेनिंग पूरी करने के बाद साल साल 1995 में राजीव का सीनियर स्केल में प्रमोशन हो गया.
डीआईजी पद पर प्रमोट
साल 2007 में राजीव कृष्णा को डीआईजी पद पर प्रमोशन कर दिया गया. तीन साल बाद ही 2010 में वह आईजी बन गए.
एडीजी बनाए गए
राजीव कृष्णा साल 2016 एडीजी बन गए. इसी साल फरवरी महीने में योगी सरकार ने उन्हें डीजी के पद पद प्रमोट कर दिया.
अपराध के खिलाफ विशेष अभियान
आगरा एसएसपी रहने के दौरान उन्होंने अपराधियों के खिलाफ विशेष अभियान चलाया. बीहड़ में सक्रिय अपहरण गिरोहों के खिलाफ राजीव कृष्ण ने प्रभावी कार्रवाई की.
पहचान ऐप बनाया
एडीजी रहते हुए उन्होंने आपरेशन पहचान ऐप के माध्यम से अपराध और अपराधियों पर अंकुश लगाया. महिला बीट, एंटी रोमियो स्क्वाड की ऑनलाइन मॉनीटरिंग की.
हाईटेक पुलिसिंग
पुलिसिंग को हाईटेक बनाने के लिए राजीव कृष्णा ने अहम भूमिका निभाई. साइबर अपराध पर अंकुश लगाने के लिए अभियान चलाया.