प्रयागराज के इस अस्पताल पर लगा किडनी चोरी का गंभीर आरोप, जांच जारी
कोर्ट ने एसपी सिटी को जांच पूरी कर 22 दिसंबर तक रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है. आरोप सही पाए जाने पर अदालत अगली सुनवाई में सरकारी डॉक्टर्स डॉ. बी सिंह, डॉ. पी गुप्ता और डॉ. आर यादव के खिलाफ किडनी चोरी का केस दर्ज किये जाने का आदेश भी दे सकती है.
मोहम्मद गुफरान/प्रयागराज: उत्तर प्रदेश में प्रयागराज के मेडिकल कॉलेज पर किडनी चोरी का गंभीर आरोप लगा है. मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के 3 डॉक्टर्स पर आरोप है कि उन्होंने बीमार युवक को कोरोना पॉजिटिव बताया और उसकी किडनी निकाल ली. बताया जा रहा है कि इस दौरान युवक की मौत हो गई. यह भी आरोप है कि पोस्टमार्टम में सच्चाई सामने न आए, इसलिए मृतक को कोविड संक्रमित बता दिया गया. पीड़ित परिजनों ने रिपोर्ट दर्ज किए जाने की मांग को लेकर कोर्ट में केस दाखिल किया. सीजेएम की अदालत ने एसपी सिटी प्रयागराज को जांच के आदेश दिए हैं.
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22 दिसंबर को पेश करें जांच रिपोर्ट
कोर्ट ने एसपी सिटी को जांच पूरी कर 22 दिसंबर तक रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है. आरोप सही पाए जाने पर अदालत अगली सुनवाई में सरकारी डॉक्टर्स डॉ. बी सिंह, डॉ. पी गुप्ता और डॉ. आर यादव के खिलाफ किडनी चोरी का केस दर्ज किये जाने का आदेश भी दे सकती है.
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मेडिकल कॉलेज ने आरोप को बताया बेबुनियाद
दूसरी तरफ, इस पूरे मामले में मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने अपनी सफाई पेश की है. प्रिंसिपल डॉ. एसपी सिंह इस मामले में खुद आगे आए और उन्होंने पीड़ित परिवार द्वारा लगाए गए आरोपों को सिरे से नकारते हुए इसे बेबुनियाद करार दिया है. उनका कहना है कि प्रयागराज में किडनी ट्रांसप्लांट की कोई सुविधा नहीं होने की वजह से यह मुमकिन ही नहीं है. बहरहाल, मेडिकल कॉलेज के सरकारी डॉक्टर्स पर किडनी चोरी का आरोप लगने के बाद से मरीज और तीमारदार सकते में आ गए हैं.
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परिजनों का आरोप- मृतक के पेट और सीने पर कटने के निशान
प्रयागराज के फूलपुर इलाके के रहने वाले मिथलेश कुमार ने सीजेएम कोर्ट में मुकदमा दाखिल कर मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के तीन डॉक्टर्स बी सिंह, पी गुप्ता और आर यादव के खिलाफ पुलिस रिपोर्ट दर्ज किये जाने की गुहार लगाई. मिथलेश के अनुसार उसके छोटे भाई 25 वर्षीय अखिलेश को 27 अगस्त को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी, जिसके बाद उसे मेडिकल कॉलेज द्वारा संचालित स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल में भर्ती कराया गया. 24 घंटे उसकी हालत स्थिर थी. अगले दिन उसे कोरोना पॉजिटिव बताकर आईसीयू में रखने की बात की गई. 29 अगस्त को बताया गया कि अखिलेश की मौत हो गई है. जब परिवार वालों ने दूर से अंतिम दर्शन कराने की अपील की तो उन्हें दिखा दिया गया. परिवार वालों का आरोप है कि अखिलेश का पूरा शरीर खून से लथपथ था. पेट और सीने के नीचे कई जगह कटने के निशान थे. परिवार वालों को आशंका है कि अखिलेश की किडनी निकाल ली गई, इसी वजह से उसकी मौत हो गई. फिलहाल इस मामले में पुलिस की जांच रिपोर्ट के बाद अदालत आगे कोई फैसला लेगी.
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