मो.गुरफान/प्रयागराज: गणतंत्र दिवस (Repubic Day) के मौके पर दिल्ली (Delhi) में किसानों की ट्रैक्टर रैली में हुए हंगामे और अराजकता पर साधु-संतो की सबसे बड़ी संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (Akhil Bharatiya Akhara Parishad) ने चिंता जताई है. अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी (Narendra Giri) ने कहा कि किसान रूपी अराजक तत्वों ने साजिश के तहत देश की छवि खराब करने की कोशिश की है. महंत नरेंद्र गिरि ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा लाये गए कृषि कानून को गलत बताकर अराजकता फैलाना निंदनीय है.


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कुछ अराजक तत्व देश बांटना चाहते हैं
उन्होंने कहा कि किसानों को कोई समस्या है तो केन्द्र सरकार के साथ बैठकर उस समस्या का समाधान निकालना चाहिए. उन्होंने किसानों के इस आंदोलन को राष्ट्र के प्रति विद्रोह का आंदोलन करार दिया है. साथ ही कहा कि किसान आंदोलन में कुछ ऐसे तत्व शामिल हो गए हैं जो राष्ट्र को बांटना चाहते हैं और देश की एकता और अखंडता को कमजोर करना चाहते हैं. इसके साथ ही देश में आतंकवाद जैसा माहौल भी पैदा करना चाहते हैं.


ऐसे लोगों पर सख्त हो केंद्र सरकार
महंत नरेंद्र गिरि ने कहा है कि सच्चा किसान गणतंत्र दिवस के दिन ऐसा काम कर ही नहीं सकता है. उन्होंने 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली के नाम पर किए गए आंदोलन को देशद्रोह करार दिया है. महंत गिरी ने केंद्र सरकार से ऐसे तत्वों से सख्ती से निपटने की मांग की है. उन्होंने कहा है कि किसान आंदोलन की आड़ में कभी खालिस्तान के नारे लगाए जाते हैं तो कभी पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए जाते हैं. कुछ संकीर्ण मानसिकता के लोग राष्ट्र विरोधी ताकतों से मिलकर भारत में हिंसा फैलाना चाहते हैं. देश यह कभी बर्दाश्त नहीं करेगा.


संत समाज देश के अन्नदाताओं के साथ
सभी संत महात्मा इसकी निंदा करते हैं और सरकार से मांग करते हैं कि ऐसे लोगों को गिरफ्तार कर उन्हें जेल में डाला जाए. महंत नरेंद्र गिरी ने कहा है कि संत समाज देश के अन्नदाताओं के साथ है. किसान जो अन्न पैदा करता है उसे देश का हर नागरिक खाता है इसलिए किसानों के साथ कभी संत समाज का भी अन्याय नहीं होने देगा. 


पूरी तरह से किसानों के हित में है कानून
महंत नरेंद्र गिरी ने कहा है कि किसानों का आंदोलन अगर हिंसक होता है तो यह अनुचित है. उन्होंने कहा कि किसानों को लेकर जो तीन कानून बनाए गए हैं वह पूरी तरह से किसानों के हित में हैं. केवल किसानों के बीच भ्रम फैला कर उन्हें बांटने की कोशिश की जा रही है. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ ही कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी कृषि कानूनों को लेकर कई बार किसानों से बात कर चुके हैं.  महंत नरेंद्र गिरी ने किसानों से अपील की है कि वह आंदोलन का रास्ता त्याग कर सरकार से बातचीत करें और इस मुद्दे का समाधान करने में सहयोग करें.


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