अनामिका शुक्ला पर आरोप है कि उसने वार्डन एवं कार्यालय को गुमराह कर विद्यालय में कार्यभार संभाला था. जब उनसे शिक्षा से जुड़े दस्तावेज मांगे गए, तब वे पेश नहीं कर पाईं. निवास प्रमाण पत्र भी जांच में फर्जी निकला. उसकी नौकरी 2019 में लगी थी और एक साल में वो करीब 1 करोड़ की सैलरी ले चुकी थी.
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प्रयागराज: एक साथ 25 जिलों के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में नौकरी करने की आरोपी शिक्षिका अनामिका की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही है. रविवार को उनके खिलाफ प्रयागराज के कर्नलगंज थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया. प्रयागराज के बीएसए संजय कुशवाहा की तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया गया है. पुलिस ने अनामिका के खिलाफ IPC की धारा 420 समेत कई और धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है. अनामिका को कासगंज पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है.
शिक्षा विभाग में किया जमकर फर्जीवाड़ा
कर्नलगंज पुलिस के मुताबिक अनामिका शुक्ला पर दर्ज हुई एफआईआर में कहा गया है कि अनामिका शुक्ला ने संविदा के आधार पर पूर्णकालिक विज्ञान शिक्षिका कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय विकास खंड, सोरांव (प्रयागराज) में कूट रचित तरीके से शैक्षिक निवास प्रमाण पत्र तैयार कर नौकरी हासिल की थी. अनामिका शुक्ला पर आरोप है कि उसने वार्डन एवं कार्यालय को गुमराह कर विद्यालय में कार्यभार संभाला था. जब उनसे शिक्षा से जुड़े दस्तावेज मांगे गए, तब वे पेश नहीं कर पाईं. निवास प्रमाण पत्र भी जांच में फर्जी निकला. उसकी नौकरी 2019 में लगी थी और एक साल में वो करीब 1 करोड़ की सैलरी ले चुकी थी.
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कासगंज से हो चुकी है गिरफ्तारी
अनामिका शुक्ला को कासगंज पुलिस ने शनिवार को बीएसए दफ्तर से गिरफ्तार किया था. वो कासगंज के फरीदपुर स्थित कस्तूरबा आवासीय विद्यालय में भी नौकरी करती थी. जांच में पता चला कि फरूखाबाद के राजपाल पुर लखनपुर कायमगंज की रहने वाली अनामिका शुक्ला का असली नाम भी अनामिका नहीं बल्कि सुप्रिया है. उसके पिता ने बताया कि उसने नौकरी के बाद से घर पर सिर्फ 50 हजार रुपये दिए हैं और उन्हें उसकी इस करतूत के बारे में कुछ पता नहीं है.
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