7 साल की मासूम को 5 साल बाद मिला इंसाफ, दुष्कर्म और हत्या का आरोपी ताउम्र जेल में बंद
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7 साल की मासूम को 5 साल बाद मिला इंसाफ, दुष्कर्म और हत्या का आरोपी ताउम्र जेल में बंद

पॉक्सो एक्ट की धारा 6 के अंतर्गत वह मामले आते हैं, जिनमें बच्चों को दुष्कर्म के बाद गंभीर चोट पहुंचाई गई हो. ऐसे केस में दस साल से लेकर उम्रकैद तक की सजा हो सकती है और साथ ही साथ जुर्माना भी लगाया जा सकता है. 

सांकेतिक तस्वीर.

प्रयागराज: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में करीब 5 साल पहले एक सात साल की बच्ची को बिस्किट दिलाने के बहाने ले जाकर दुष्कर्म और हत्या करने के आरोपी को आखिरकार सजा मिल गई. कोर्ट ने आरोपी राकेश यादव को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. यह आदेश स्पेशल जज पॉक्सो एक्ट (POCSO Act) आलोक कुमार शुक्ला ने सुनाया.  

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पिता को बता कर बेटी को ले गया था
मामला सराय इनायत थाने के हनुमानगंज का था, जहां 29 फरवरी 2016 को पीड़ित पिता ने तहरीर दी थी कि हनुमानगंज कोऑपरेटिव बैंक सराय लाहौरपुर के पास उसकी सकोरे की दुकान थी. उस शाम लगभग 8.00 बजे आरोपी टेंपो चालक राकेश यादव दुकान पर आया और उसकी सात साल की बेटी को बिस्किट दिलाने का कह कर अपने साथ ले गया. बहुत देर तक वह वापस नहीं लौटा. काफी इंतजार करने के बाद बेटी की तलाश शुरू की गई, लेकिन कोई उसका कहीं पता नहीं चला. अगली सुबह बेटी की लाश हमुमान गंज के पक्का तालाब के पास मिली. 

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आरोपी को हुई उम्रकैद की सजा
राकेश यादव ने 7 साल की मासूम के साथ दुष्कर्म कर उसकी हत्या कर दी थी. प्रॉसीक्यूशन की तरफ से आरोप साबित करने के लिए 14 गवाहों को पेश किया गया. अपराध की गंभीरता को देखते हुए प्रॉसीक्यूशन ने कोर्ट से आरोपी को मृत्युदंड की सजा सुनाने की मांग की. कोर्ट ने सबूतों, गवाहों और परिस्थितियों को देखते हुए हत्या, दुष्कर्म और पॉक्सो एक्ट की धाराओं में उम्र कैद और 75 हजार के जुर्माना देने की सजा सुनाई. साथ ही, जुर्माने की धनराशि का तीन-चौथाई हिस्सा पीड़ित परिवार को मुआवजे के रूप में देने का आदेश दिया.

क्या है पॉक्सो एक्ट
1. POCSO यौन अपराधों से बच्चों का बचाने (Protection of Children from Sexual Offences Act– POCSO) वाला अधिनियम है.
2. POCSO अधिनियम- 2012 को बच्चों के हित और सुरक्षा का ध्यान रखते हुए उनको यौन अपराध, यौन उत्‍पीड़न तथा पॉर्नोग्राफी से सुरक्षा देने के लिये लागू किया गया था.
3. यह अधिनियम 'बच्चे' (Minor) के लिए बनाया गया है और यह बच्‍चों के शारीरिक, भावनात्‍मक, बौद्धिक और सामाजिक विकास सुनिश्चित करने को महत्त्व देता है. इस एक्ट में लैंगिक भेदभाव (Gender Discrimination) नहीं है.

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पॉक्सो एक्ट के अंतर्गत ऐसे मिलती है सजा
अगर आप 2012 में बने पॉक्सो एक्ट की धाराओं पर ध्यान देंगे तो पाएंगे कि इस एक्ट की धारा 4 के तहत वो मामले शामिल किए जाते हैं जिनमें बच्चे के साथ दुष्कर्म किया गया हो. इस केस में 7 साल सजा से लेकर उम्रकैद और जुर्माना लगाया जा सकता है. वहीं, पॉक्सो एक्ट की धारा 6 के अंतर्गत वह मामले आते हैं, जिनमें बच्चों को दुष्कर्म के बाद गंभीर चोट पहुंचाई गई हो. ऐसे केस में दस साल से लेकर उम्रकैद तक की सजा हो सकती है और साथ ही साथ जुर्माना भी लगाया जा सकता है. 

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