Kumbh Mela 2025: प्रयागराज में जनवरी से शुरू होने वाले महाकुंभ 2025 को दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन माना जाता है, लेकिन इस बार यह वक्फ बोर्ड के खिलाफ संतों के विरोध का मंच बन गया है. जगतगुरु रामानंदाचार्य नरेंद्राचार्य ने कुंभ क्षेत्र में बड़े-बड़े होर्डिंग्स लगवाए हैं, जिनमें लिखा है, "वक्फ के नाम पर संपत्ति की लूट है, धर्मनिरपेक्ष देश में यह कैसी छूट है."


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संतों का विरोध 
संत समाज का कहना है कि वक्फ बोर्ड धर्मनिरपेक्षता का दुरुपयोग कर हिंदू संपत्तियों पर अवैध कब्जा कर रहा है. उन्होंने इसे सिर्फ धार्मिक नहीं, बल्कि सामाजिक और राष्ट्रीय मुद्दा बताया. संतों का उद्देश्य लोगों को इस मामले में जागरूक करना और सरकार पर कार्रवाई का दबाव बनाना है. 


"डरेंगे तो मरेंगे" पोस्टर बना विवाद का कारण
महाकुंभ क्षेत्र में "डरेंगे तो मरेंगे" लिखे पोस्टरों ने नया सियासी विवाद खड़ा कर दिया है. इससे पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने "बंटेंगे तो कटेंगे" और "एक रहेंगे तो सेफ रहेंगे" जैसे नारों से राजनीतिक माहौल गर्माया था. 


पहले भी हुआ था विवाद
इससे पहले प्रयागराज महाकुंभ में मुसलमानों के प्रवेश पर पाबंदी लगाने को लेकर विवाद हुआ था. अब वक्फ बोर्ड के खिलाफ लगाए गए इन पोस्टरों के कारण संत समाज और राजनेताओं के बीच टकराव की संभावना है. 


संतों का उद्देश्य
संतों का कहना है कि महाकुंभ जैसे आयोजन का उपयोग केवल धार्मिक गतिविधियों के लिए नहीं, बल्कि राष्ट्रीय मुद्दों को उठाने के लिए भी किया जाएगा. उनका मानना है कि यह समय है जब हिंदू समाज को जागरूक होकर अपने अधिकारों के लिए आवाज उठानी चाहिए.


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