Madrasa Jamia Habibiya Masjid-e-Azam: प्रयागराज के मदरसा जामिया हबीबिया मस्जिदे आजम में जाली करेंसी छापने के साथ ही एक और बड़ा सनसनीखेज खुलासा हुआ है. मदरसा जामिया हबीबिया से आपत्तिजनक साहित्य मिलने के बाद जांच एजेंसियां सक्रिय हो गई हैं. सभी पहलुओं की पुलिस और जांच एजेंसियां जुटा रही हैं जानकारी.
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मो.गुफरान/प्रयागराज: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज का मदरसा सुर्खियों में हैं क्योंकि अभी हाल ही में यहां से नकली नोट छापे जाते हैं.. संगम नगरी के अतरसुइया इलाके में जामिया हबीबिया नाम के इस मदरसे को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है. मदरसा जामिया हबिबिया को देश से करीब सालाना दो करोड़ से ज्यादा की फंडिंग होती है. जांच एजेंसियां यह पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि विदेशी फंडिंग या कोई आतंकी कनेक्शन तो नहीं है.
प्रिंसिपल मोहम्मद तफसीरूल की कस्टडी के लिए कोर्ट में अर्जी दाखिल
प्रिंसिपल मोहम्मद तफसीरूल की कस्टडी के लिए कोर्ट में अर्जी दाखिल की गई है. मौलवी तफसीरूल और उसके 3साथियों की कस्टडी रिमांड के लिए पुलिस ने कोर्ट में दाखिल की अर्जी. जल्द ही कोर्ट पुलिस कस्टडी रिमांड अर्जी पर सुनवाई करेगी. पुलिस, मौलवी तफसीरूल समेत तीन अन्य आरोपियों से कस्टडी रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी. पुलिस मदरसे में नकली नोट बनाने का मक़सद जानने की कोशिश करेगी. मदरसे में हिंदुओं के ख़िलाफ़ भड़काने वाले साहित्य को लेकर भी होगी पूछताछ. विदेशी फंडिंग समेत अन्य विषयों पर भी पुलिसजानकारी जुटाएगी.
सालाना दो करोड़ से ज्यादा की फंडिंग
मिली जानकारी के मुताबिक मदरसा जामिया हबिबिया को सालाना दो करोड़ से ज्यादा की फंडिंग होती है. ये सालाना फंडिग मुंबई, हैदराबाद, केरल समेत देश के कई राज्यों से होती है. भारत ही नहीं बल्कि खाड़ी देशों से भी मदरसे को फंडिंग होती है. जांच टीम को शुरुआती पड़ताल में विदेशी फंडिंग के पुख्ता सबूत मिले हैं. फंडिंग के पैसों को नगदी के रूप में मदरसे में लिया जाता था. पुलिस और जांच टीमें फंडिंग करने वालों की जानकारी जुटा रही है. इस बात का भी पता लगाया जा रहा है कि मदरसे में देश विरोधी गतिविधियों के लिए तो फंडिंग नहीं हो रही थी. फंडिंग करने वाले व्यक्ति और संस्थाओं की जानकारी जुटाई जा रही है.
जांच एजेंसियां सक्रिय
मदरसा जामिया हबीबिया से आपत्तिजनक साहित्य मिलने के बाद जांच एजेंसियां सक्रिय हो गई हैं. एलआईयू की तीन सदस्यीय टीम मदरसा जामिया हबीबिया पहुंची. जामिया हबीबिया में क्लर्क मोहम्मद अतीक और कर्मचारी तौसीफ से पूछताछ की. मदरसे के अंदर अकाउंटेंट के कमरे से जांच टीम को लाल डायरी मिली है. जांच एजेंसियों को मदरसे से कई अहम दस्तावेज़ मिले हैं. बताया जा रहा है कि लाल डायरी में मदरसे का लेखा-जोखा मौजूद है. मदरसे में यूपी, बिहार और उड़ीसा समेत कई राज्यों के बच्चे दीनी तालीम हासिल करते हैं. मदरसे में 105 छात्र तालीम हासिल करते हैं.
मदरसे में तैयार हो रहे नफरती नागरिक
ये मदरसा ने केवल नकली नोट तैयार रहा था, बल्कि इस मदरसे में नफरती नागरिक भी तैयार किए जा रहे थे.इस मदरसे के बच्चों में सांप्रदायिक हिंसा के बीज बोए जा रहे थे. नकली नोट फैक्ट्री पकड़े जाने के बाद मदरसे के बैंक अकाउंट की जांच पड़ताल हो रही है. मदरसे के बैंक पासबुक और चेक बुक के ट्रांजेक्शन को लेकर पूछताछ की जा रही है. संघ पर लिखा गया भड़काऊ साहित्य मिला है. मदरसे का मौलाना मोहम्मद तफसीरुल मदरसे के बच्चों को बताता था कि RSS के लोगों पर अटैक कैसे करना है. ये मदरसा समाज में नफरती माहौल बनाने का ट्रेनिंग सेंटर भी था.
मदरसे के कुल तीन बैंक अकाउंट
मदरसे के क्लर्क मोहम्मद अतीक के मुताबिक मदरसे के कुल तीन बैंक अकाउंट है. एसबीआई, बैंक ऑफ बड़ौदा और इंडियन बैंक में तीन बैंक अकाउंट में लगभग 40 लाख रुपये जमा हैं. उनके मुताबिक मदरसे की सोसाइटी अंजुमने जामिया हबीबिया मस्जिदे आज़म में जो डोनेशन मिलता है, वह पहले वह बैंक खातों में भेजा जाता है. बैंक खातों से निकाल कर यह रकम खर्च की जाती है. क्लर्क मोहम्मद अतीक के मुताबिक हर महीने मदरसे के संचालन पर साढ़े तीन से चार लाख रुपए खर्च होता है.
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