'कांग्रेस के सभी 99 सांसदों की सदस्यता रद्द की जाए', चुनावी वादे को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती
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'कांग्रेस के सभी 99 सांसदों की सदस्यता रद्द की जाए', चुनावी वादे को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती

Petition against Congress: हाईकोर्ट से कांग्रेस के निर्वाचित सभी 99 सांसदों की सदस्यता रद्द करने, याचिका लंबित रहने तक कांग्रेस के सांसदों को सदन की कार्यवाही में भाग लेने से रोकने और कांग्रेस पार्टी का राजनैतिक दल के रूप में मान्यता को भी निलम्बित करने की मांग की गई है.

'कांग्रेस के सभी 99 सांसदों की सदस्यता रद्द की जाए', चुनावी वादे को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती

Petition against Congress: लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के घर घर गारंटी योजना के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की है. भारतीय निर्वाचन आयोग को भी जनहित याचिका में पक्षकार बनाया गया है. याचिका में योजना के जरिए कांग्रेस पार्टी पर आचार संहिता के उलंघन और मतदाताओं को प्रलोभन देकर वोट लेने का आरोप लगा है. हाईकोर्ट से कांग्रेस के निर्वाचित सभी 99 सांसदों की सदस्यता रद्द करने, याचिका लंबित रहने तक कांग्रेस के सांसदों को सदन की कार्यवाही में भाग लेने से रोकने और कांग्रेस पार्टी का राजनैतिक दल के रूप में मान्यता को भी निलम्बित करने की मांग की गई है.

याचिका में कहा गया है कि कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में गारंटी कार्ड जारी कर गरीबों, दलित, अल्पसंख्यकों को चुनाव के बाद 8500 रुपये हर महीने देने का झूठा वादा कर वोट देने का लालच दिया था. याचिका में कहा गया है कि यह काम लोक जनप्रतिनिधित्व अधिनियम का उल्लंघन करता है. ये याचिका फतेहपुर निवासी भारती देवी ने अधिवक्ता शाश्वत आनंद के जरिए दाखिल की है.

3 अप्रैल को कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय  अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे ने गारंटी कार्ड योजना की शुरुआत की थी, गारंटी कार्ड योजना के जरिए देश के 8 करोड मतदाताओं तक पहुंचने का लक्ष्य रखा गया था, गारंटी कार्ड में हर गरीब परिवार की महिला मुखिया को 1 लाख रुपए सालाना देने का वादा किया गया था. याची के मुताबिक़ जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 123(1)(ए) के तहत रिश्वत खोरी है, भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 171बी और 171ई के तहत दंडनीय है.

याचिकाकर्ता का कहना है कि पूर्व में चुनाव आयोग को भी इस संबंध में शिकायत की गई थी. चुनाव आयोग ने कांग्रेस समेत सभी पार्टियों को 2 मई 2024 को एडवायजरी नोटिस जारी किया था. लेकिन इसके बाद भी कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों ने अपना गारंटी कार्ड वापस नहीं लिया.

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