RO/ARO paper Leak, parcha out case: सॉल्वर गैंग, खास मोबाइल ऐप और मास्टरमाइंड का बिछाया जाल... लोकसेवा आयोग की तरफ से आयोजित आरओ-एआरओ परीक्षा का पेपर कुछ आलग और हैरान कर देने वाले तरीके से लीक किया गया.
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RO-ARO Paper Leak: उत्तर प्रदेश में पुलिस कांस्टेबल पेपर लीक और आरओ-एआरओ भर्ती परीक्षा लीक कांड की परतें अब खुलती जा रही हैं. एसटीएफ ने सोमवार आरओ-एआरओ मामले में एक पब्लिक स्कूल के मैनेजर समेत चार लोगों को पकड़ा था. खुलासा हुआ है कि पेपर लीक के ये मास्टरमाइंड व्हाट्सएप के देसी वर्जन जंगी ऐप के जरिये एक दूसरे के संपर्क में थे. इसी पर कॉल और ग्रुप चैट कर पूरी साजिश का ताना बाना बुना गया.
व्हाट्सएप पर संपर्क नहीं
आरओ-एआरओ भर्ती परीक्षा का पेपर लीक करवाने के आरोपी डॉ. शरद सिंह पटेल व इंजीनियर राजीव नयन मिश्र के साथ ही आरोपी रवि खत्री ने आपस में ही नेटवर्किंग का एक जाल बिछाया था ताकि उसको पुलिस दिवारा भी ट्रैप न किया जा सके. सिपाही भर्ती परीक्षा से लेकर लोकसेवा आयोग की तरफ से आयोजित हुए आरओ-एआरओ परीक्षा का पेपर लीक करवाने तक कभी भी मोबाइल या व्हाट्सएप पर तीनों मास्टर माइंड ने संपर्क नहीं किया.
110 से 120 प्रश्न को प्रश्न सॉल्व किए
लोकसेवा आयोग की तरफ से आयोजित की गई समीक्षा अधिकारी व सहायक समीक्षा अधिकारी यानी आरओ-एआरओ की परीक्षा का पेपर लीक कराने, इसके बाद उसे बेचने वाले गैंग के एक सदस्य स्कूल प्रबंधक द्वारा भी परीक्षा दिया गया. उसने पेपर आउट कराया और उत्तर रटा और 112 प्रश्न सही कर दिए. ऐसे ही बाकी के अभ्यर्थियों ने भी पेपर के आउट होने पर रटा और 110 से 120 प्रश्न को सॉल्व किए थे. इस पूरी गतिविधि का खुलासा एसटीएफ की पूछताछ में किया गया है.
सॉल्वर गैंग की मदद
आरओ-एआरओ परीक्षा में पेपर लीक किए जाने के आरोप में मास्टरमाइंड डॉ. शरद के साथ ही चार आरोपियों को सीओ एसटीएफ लाल प्रताप सिंह की टीम ने गिरफ्तार किया था जिसमें झूंसी का निवासीकमलेश पाल का भी नाम शामिल है. झूंसी के एसपी ब्लू स्टार पब्लिक स्कूल का कमलेश कुमार पाल मैनेजर बताया जाता है. एसटीएफ को कमलेश ने जानकारी दी कि कौन सा सीरीज परीक्षा में किसको मिलता, ये पता नहीं ऐसे में सभी सेट के प्रश्नों को सॉल्वर गैंग की मदद से हल करवाया गया और फिर उसने उत्तर रटे.
150 में कुल 112 प्रश्नो सही सही हल किए
इसके बाद कुंजी बनाकर काम कर लिया गया और फिर कमलेश भी पेपर देने चला गया. उसने 150 में कुल 112 प्रश्नो को सही सही हल किए. प्रश्न देने के बाद मिलान भी करवाया. फिर कमलेश ने यकीन कर लिया कि परीक्षा में वो पास हो जाएगा. चर्चा थी कि 100 से ज्यादा प्रश्न हल होने के बाद वह मेरिट में भी आ जाएगा. उसी की तरह कई अन्य अभ्यर्थियों ने भी 110 से 120 प्रश्न को हल किया था.
डेटा रिकवरी कराकर तफ्तीश
सब ने पुलिस से बचने के लिए मोबाइल एप जंगी का इस्तेमाल किया. इस विशेष मोबाइल एप के माध्यम से तीनों हमेशा बात करते. लखनऊ व मेरठ एसटीएफ की संयुक्त टीम ने पेपर लीक का खुलासा किया. मोबाइल नंबरों की जांच से कोई लाभ नहीं मिला तब पूछताछ में खुलासा हुआ कि पुलिस से बचने के लिए तीनों शातिर जंगी मोबाइल एप से जुड़ रहे थे, बात भी उसी से करते थे. हालांकि आरोपियो के मोबाइल का डेटा रिकवरी कराकर टीम तफ्तीश में लगी हुई.