UP new 16 military school: कानपुर नगर जिले के साथ ही यूपी के 16 जिलों को ट्रिपल पी मॉडल से सैनिक स्कूल मिलने जा रही है. दरअसल, इन जिलों में सैनिक स्कूल खोले जाने का रास्ता फिलहाल साफ है.
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कानपुर: कानपुर नगर जिले के साथ ही उत्तर प्रदेश के 16 जिलों को ट्रिपल पी मॉडल से सैनिक स्कूल की सौगात मिलने जा रही है. दरअसल, इन जिलों में ट्रिपल पी मॉडल से सैनिक स्कूल खोले जाने का रास्ता फिलहाल साफ हो चुका है. वैसे इन्हें उन विद्यालयों में खोले जाने की योजना है जो पहले से चल रहे थे. यूपी के स्कूल महानिदेशक ने इस संबंध में प्रस्ताव भी तैयार किया है और इन सभी 16 जिलों के जिलाधिकारियों को भेजा है.
ये हैं 16 जिले
जिले में एक या एक से ज्यादा सैनिक स्कूल ट्रिपल पी मॉडल से खोले जा सकते हैं. इन जिलों में पहले से चलते आ रहे विद्यालयों की सैनिक स्कूल में तब्दीली की जाएगी. कानपुर नगर समेत जो भी जिले ट्रिपल पी मॉडल से सैनिक स्कूल बनाने के लिए चुने गए हैं वो हैं-
आगरा, अलीगढ़, प्रयागराज
आजमगढ़, बस्ती, बरेली
मुरादाबाद, बांदा, झांसी
गोण्डा, अयोध्या, कानपुर नगर
मेरठ, सहारनपुर
मिर्जापुर और वाराणसी शामिल हैं.
गाइडलाइन के मुताबिक करना होगा गाइडलाइन के मुताबिक करना होगा
महानिदेशक, स्कूल शिक्षा ने जिलाधिकारियों को पत्र भेजा है. जिसमें कहा गया है कि राजकीय, अशासकीय सहायता प्राप्त, निजी, एनजीओ आदि से चलाए जाने वाले विद्यालयों को प्राइवेट पब्लिक पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल से सैनिक स्कूल में बदला जा सकता है. सैनिक स्कूल में इन्हें बदलने के लिए किए जाने के लिए इनका पंजीकरण सैनिक स्कूल सोसाइटी, रक्षा मंत्रालय के स्तर से जारी गाइडलाइन के मुताबिक करना होगा. इसका अनुमोदन भी मानकों के अनुरूप सैनिक स्कूल सोसायटी के जरिए कराया जाएगा. अनुमोदन के बाद की प्रक्रिया आगे बढ़ाई जा सकेगी. यह निर्णय साल 2023 में ही किया गया था पर इसका क्रियान्वयन अब किया जा रहा है. नए सत्र से इसकी शुरुआत करने को लेकर तैयारी की जा रही है.
देनी होगी प्रक्रिया की जानकारी
स्कूल महानिदेशक के पत्र में ये भी निर्देशित किया गया है कि जिलाधिकारी को नगर के राजकीय के साथ ही अशासकीय व निजी विद्यालयों के प्रबंधकों के साथ ही प्रधानाचार्य के साथ इस संबंध में बैठक करनी होगी और उन्हें बताना होगी की आखिरी इसकी पूरी प्रक्रिया क्या होगी. साथ ही उनसे प्रस्ताव भी मांगने होंगे. मौजूदा प्रस्ताव उन विद्यालयों के लिए है जिसका संचालन पहले से ही किया जा रहा है. वे इसे सैनिक स्कूल में बदलना चाहते हैं.