UPPSC News: कौन हैं संजय श्रीनेत, छात्रों के निशाने पर क्यों आए उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग अध्यक्ष
UPPSC Protest News: 1993 बैच के IRS अधिकारी और यूपीपीएससी के चेयरमैन संजय श्रीनेत को 2010 में अपने कार्यों के लिए राष्ट्रपति से पुरस्कार भी मिला है लेकिन पिछले दो साल से आयोग जिस तरह से लगातार अपनी परीक्षाएं कराने में विफल हो रहा है तो सवाल यह भी उठ रहा है कि आखिर आयोग के चेयमैन कौन हैं जिनके नेतृत्व में आयोग के हिस्से ये बदनामी आ रही है.
UPPSC Protest : यूपीपीसीएस प्री और आरओ-एआरओ 2023 प्री-परीक्षा दो दिन में कराने के विरोध में प्रयागराज में लोक सेवा आयोग के बाहर बड़ी संख्या में छात्रों का प्रदर्शन 11 नवंबर से जारी है. अभ्यर्थी परीक्षा को एक ही पाली में एक ही दिन में कराए जाने पर अड़े हैं तो आयोग का दो दिन में परीक्षा कराने के पीछे अपना ही तर्क है. आयोग का कहना है कि उनके पास इतने परीक्षा केंद्र उपलब्ध नहीं हैं कि एक साथ 6 लाख अभ्यर्थियों का पेपर कराया जा सके. वहीं छात्रों का कहना है कि आयोग ने पहले भी इससे ज्यादा छात्रों का पेपर कराया है. ऐसे में सवाल यह भी उठ रहा है कि यूपीपीएससी के सर्वोच्च पद यानी चेयरमैन पर बैठे शख्स कौन हैं जो इसका समाधान निकाल पाने में असमर्थ हैं और छात्रों के निशाने पर आ गए हैं. तो आइये जानते हैं कि यूपीपीएससी के चेयरमैन IRS संजय श्रीनेत के बारे में जिनकी भूमिका पर चर्चा हो रही है.
संजय श्रीनेत 1993 बैच के भारतीय राजस्व सेवा (IRS) के अधिकारी हैं. उनका संबंध गोरखपुर के पीपीगंज से है और उनकी शुरुआती शिक्षा लखनऊ के काल्विन ताल्लुकेदार्स कॉलेज से हुई है. आगे की पढ़ाई उन्होंने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से पूरी की और फिर जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) से आगे की पढ़ाई की. साथ ही उन्होंने नेशनल डिफेंस कॉलेज से एमफिल भी किया है.
भारतीय उच्चायोग और ईडी में रहे संजय श्रीनेत
18 मई 2021 को संजय श्रीनेत को उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था. इससे पहले उन्होंने कई महत्वपूर्ण पदों पर काम किया है. 2005 से 2009 तक वे लंदन में भारतीय उच्चायोग में प्रथम सचिव रहे. 2009 से 2014 तक उन्होंने राजस्थान में प्रवर्तन निदेशालय (ED) के प्रभारी के रूप में काम किया और 2015 से 2020 तक ईडी के नॉर्दर्न रीजन के स्पेशल डायरेक्टर रहे. उनके कार्यों के लिए उन्हें 2010 में गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रपति की ओर से सम्मानित किया गया था.
ईडी में रहते हुए उन्होंने मनी लॉन्ड्रिंग और आर्थिक भ्रष्टाचार के कई मामलों में सख्त कार्रवाई की. उनके कार्यकाल के दौरान करीब 4000 करोड़ रुपये की अवैध संपत्ति जब्त की गई और 100 करोड़ रुपये से अधिक की टैक्स चोरी व तस्करी के मामलों को पकड़ा गया.
संजय श्रीनेत का रास नहीं आया UPPSC?
जब से संजय श्रीनेत ने 18 मई 2021 से उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की कमान संभाली है आयोग में कुछ ठीक नहीं चल रहा है. पहले यूपी पीसीएस-जे 2022 मुख्य परीक्षा में धांधली का मामला सामने आया, जिसमें आयोग ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में हलफनामा देकर खुद माना था कि मुख्य परीक्षा के परिणाम में 50 उम्मीदवारों की आन्सर शीट बदल दी गईं, आयोग ने कोर्ट में वादा किया थी कि उम्मीदवारों का परिणाम 3 अगस्त 2024 तक घोषित कर दिया जाएगा.
UPPSC में दो साल नहीं चल रहा ठीक
अब आयोग पर आरोप है कि वो 2 साल से परीक्षा करा पाने में विफल रहा है. जनवरी 2024 में आयोग ने उत्तर प्रदेश सिविल सर्विसेज का नोटिफिकेशन जारी किया था जिसकी परीक्षा मार्च में होनी थी उसे अक्टूबर तक टाल दिया गया. इसके बाद आयोग की तरफ से एक अन्य परीक्षा आरओ और एआरओ की परीक्षा 11 फरवरी को आयोजित की गई थी लेकिन पेपर लीक होने के चलते इसे निरस्त कर दिया गया. ये दोनों परीक्षाएं अक्टूबर में होने के लिए प्रस्तावित थी लेकिन फिर अचानक इन्हें दिसंबर में कराने का नोटिफिकेशन जारी हुआ और बताया गया कि इनका पेपर दो दिनों में कराया जाएगा, जिसको लेकर छात्रों में आक्रोश है.
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