Ganga Expressway:  उत्तर प्रदेश में रोड कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए एक्सप्रेसवे का जाल बिछाया जा रहा है. इन्हीं में से एक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट में से एक गंगा एक्सप्रेसवे भी शामिल है. मेरठ से प्रयागराज तक जाने वाले इस एक्सप्रेस वे को कुंभ से पहले शुरू करने की तैयारी थी लेकिन इसके पूरे होने की संभावना कम ही नजर आ रही है.


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देरी होने की क्या वजह?
दरअसल प्रदूषण के चलते दिल्ली एनसीआर में ग्रैप-4 (ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान) के प्रतिबंध लागू किए गए हैं. मेरठ, हापुड़ और बुलंदशहर में भी ये प्रतिबंध लागू होते हैं. जिसके चलते एक्सप्रेसवे के काम पर भी असर पड़ा है. यानी प्रयागराज कुंभ 2025 से पहले इसके शुरू होने की संभावना न के बराबर बताई जा रही है.


कितना काम पूरा?
गंगा एक्सप्रेसवे का काम 71 फीसदी पूरा हो चुका है. एक्सप्रेस के रूट वाले जिलों में कई जगह काम आखिरी चरण में है. बिजनौर-बदायूं रोड पर अतरासी के पास ओवर बिर्ज का काम लगभग पूरा होने को है. मुरादाबाद-अलीगढ़ स्टेट हाईवे पर ओवर ब्रिज और इंटरचेंजिंग का काम चल रहा है.  ऐसे ही संभल में इंटरचेंजिंग और ओवर ब्रिज बन रहा है. जिनका काम आखिरी चरण में है.


गंगा एक्सप्रेस-वे क्यों खास?
गंगा एक्सप्रेस-वे का निर्माण मेरठ से प्रयागराज के बीच किया जा रहा है, जो करीब 594 किलोमीटर लंबा है. एक्सप्रेसवे के निर्माण के बाद मेरठ से प्रयागराज तक का सफर महज 6 घंटें में पूरा होगा. अभी इसमें 11 घंटे से ज्यादा समय लगता है.  गंगा एक्सप्रेस-वे मेरठ से शुरू होकर हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ के बाद प्रयागराज में पूरा होगा.


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