राहुल चले पीएम मोदी की राह, कार्यकर्ताओं से कहा- 'जनता से जुड़ने के लिए संवाद करना होगा'
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राहुल चले पीएम मोदी की राह, कार्यकर्ताओं से कहा- 'जनता से जुड़ने के लिए संवाद करना होगा'

राहुल गांधी ने संगठन में अनुशासन, सभी की भागीदारी, संगठन की मजबूती और चुनाव जीतने के लिए सुझावों पर भी बात की.

कांफ्रेंसिग के जरिए राहुल गांधी ने कार्यकर्ताओं से बात की.

नई दिल्ली/लखनऊ, (उत्कर्ष चतुर्वेदी): 2019 लोकसभा चुनावों की तैयारी कर रही कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने जिलाध्यक्षों और शहर अध्यक्षों से पार्टी को आरएसएस से अलग पहचान देने की बात कही. चुनावों से पहले अपने कार्यकर्ताओं से सीधा संवाद करने में जुटे राहुल ने गुरुवार (11 अक्टूबर) को देशभर के जिला और शहर अध्यक्षों के साथ की कांफ्रेंसिग में ये बात कही. सूत्रों के मुताबिक, राहुल ने आरएसएस पर निशाना साधते हुए कहा कि आप लोगों (जिला और शहर अध्यक्षों) को आम लोगों से बातचीत करनी चाहिए. अगर जनता से जुड़े नहीं रहेंगे तो आपके संगठन (कांग्रेस) में और आरएसएस में कोई अंतर नहीं रहेगा. इसके अलावा राहुल ने इस कांफ्रेंसिंग में संगठन में अनुशासन, सभी की भागीदारी, संगठन की मजबूती और चुनाव जीतने के लिए सुझावों पर भी बात की.

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कांग्रेस अध्यक्ष की इस कोशिश पर बीजेपी ने कांग्रेस पर बीजेपी की पिछलग्गू होने का आरोप लगाया. बीजेपी प्रवक्ता चंद्रमोहन ने कहा कि कांग्रेस बीजेपी की पिछलग्गू है. हमारे पीएम बूथ लेवल तक के कार्यकर्ताओं से बातचीत कर रहे हैं ये अभी जिले में ही पहुंचे हैं. जो बीजेपी करेगी उसकी नकल करना चाहते हैं ये. संगठन बचा ही कहां है कांग्रेस का

वहीं, बीजेपी के इस आरोप का जवाब देते हुए कांग्रेस ने उल्टा बीजेपी पर नकल करने का आरोप लगाया. कांग्रेस प्रवक्ता बृजेंद्र सिंह ने कहा कि हम बीजेपी की नकल कर रहे हैं या बीजेपी हमारी नकल कर रही है. 1937 से हमारी पार्टी है. इंदिरा जी सप्ताह में 3 दिन कार्यकर्ताओं से मिलती थीं. राहुल जी जब से अध्यक्ष बने हैं सीधे बात के कार्यक्रम कर रहे हैं. बीजेपी जो कहती है वो कहते रहे.

दरअसल, पीएम मोदी लगातार बीजेपी कार्यकर्ताओं से वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए बात कर रहे हैं. वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद राहुल गांधी की ये इस तरह की पहली कोशिश है, जहां वो कार्यकर्ताओं से सीधे तकनीकी माध्यम से संवाद कर रहे हों. इससे पहले भी उत्तर प्रदेश में बीजेपी के ओबीसी मोर्चे के सम्मेलन कराने के बाद कांग्रेस ने इस तरीके का सम्मेलन किया. मिस्ड कॉल मेंबरशिप अभियान के बाद कांग्रेस ने भी इस तरीके का अभियान चलाया है. ऐसे में बीजेपी लंबे समय से कांग्रेस पर रणनीति फॉलो करने का आरोप लगाती है.

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आरोप प्रत्यारोप के बीच इतना तो साफ है कि राहुल गांधी 2019 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस को मजबूत करना चाहते हैं. ऐसे में राहुल कार्यकर्ताओं से सीधे बात के जरिए उनके मनोबल को बढ़ाने और समस्या को जानने की कोशिश कर रहे हैं. राहुल गांधी ने अपने जिला और शहर अध्यक्षों से साफ कहा कि वो उन्हें मजबूती देंगे और राज्य के बड़े नेता उन पर किसी तरीके का दबाव नहीं डाल सकते.

इसके अलावा राहुल गांधी ने कहा कि संगठन में सभी की भागदारी हो जिसमें महिला, युवा, अनुसूचित जाति/जनजाति, अगड़े, पिछड़े सभी शामिल हों. साथ ही कांग्रेस अध्यक्ष ने ये भी साफ किया पार्टी में अनुशासन बेहद जरूरी है. जो भी पार्टी में काम नहीं करेगा, उसे पार्टी से बाहर का रास्ता भी देखना पड़ सकता है. राहुल की ये कोशिश कांग्रेस संगठन में जान फूंकने और 2019 के चुनावों में बेहतर प्रदर्शन का आधार बन पाती है या नहीं अब इसका जवाब चुनावी तैयारियों और चुनाव परिणाम के बाद ही साफ हो सकेगा.

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