रामलला की सुरक्षा है चाक-चौबंद, दर्शन से पहले रखें एंट्री प्वॉइंट का ख्याल
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रामलला की सुरक्षा है चाक-चौबंद, दर्शन से पहले रखें एंट्री प्वॉइंट का ख्याल

 गर्भ गृह में बन रहे राम मंदिर में लगे निर्माण के लिए मजदूरों के लिए अलग से एंट्री प्वॉइंट बनाए गए हैं, जहां बिना चेकिंग के कोई भी प्रवेश नहीं कर सकता है.

बैठक  में शामिल अधिकारी

मनमीत गुप्ता/अयोध्या: अयोध्या में रामलला की सुरक्षा को लेकर प्रशासन सक्रिय है. ऐसे में राम जन्मभूमि परिसर की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर हर महीने होने वाली स्थाई समिति की बैठक मानस भवन ट्रस्ट में की गई.  स्थाई समिति की बैठक में परिसर के अंदर विराजमान रामलला के अस्थाई भवन और गर्भ गृह की सुरक्षा को लेकर स्थानीय जिला प्रशासन के साथ खुफिया अधिकारियों ने गंभीर चर्चा की. इस बैठक में एडीजी सुरक्षा विनोद कुमार सिंह और सुरक्षा एजेंसी के अधिकारी शामिल हुए . बैठक में आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए कई अहम फैसले लिए गए. 

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श्रद्धालुओं के लिए विशेष एंट्री प्वॉइंट
ADG सुरक्षा विनोद कुमार सिंह ने ज़ी मीडिया से खास बातचीत में कहा कि राम जन्मभूमि, जहां मंदिर निर्माण हो रहा है वहां की सुरक्षा को लेकर भी अहम निर्णय लिए गए हैं. साथ ही रामलला के अस्थाई मंदिर की भी सुरक्षा को लेकर व्यवस्था की गई है. अस्थाई रामलला के मंदिर में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं के लिए अलग से एंट्री प्वॉइंट बनाया गया है. साथ ही गर्भ गृह में बन रहे राम मंदिर निर्माण में लगे मजदूरों के लिए अलग से एंट्री प्वॉइंट बनाए गए हैं, जहां बिना चेकिंग के कोई भी प्रवेश नहीं कर सकता है.

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निर्माण सामग्री की हो रही है चेकिंग
ADG ने आगे बताया कि राम मंदिर निर्माण में जो सामग्री यूज की जा रही है, उसके वाहनों को आने के लिए अलग गेट से एंट्री प्वॉइंट बनाया गया है. जहां पर सुरक्षा चाक-चौबंद रहती है. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने मंदिर का शिलापूजन किया था. इसके बाद से निर्माण कार्य अपनी गति से चल रहा है. निर्माण की जिम्मेदारी श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कंधों पर है, जिसने दो बड़ी कंपनियों को बनाने का ठेका दिया है. 

बता दें कि  राम जन्मभूमि परिसर की सुरक्षा को लेकर हर महीने स्थाई समिति की बैठक होती है. जिसमें केंद्र और प्रदेश के खुफिया विभाग के सुरक्षा अधिकारी , सुरक्षा से संबंधित अधिकारी , जिला प्रशासन के अधिकारी साथ में बैठकर सुरक्षा व्यवस्था को लेकर अहम चर्चा करते हैं और फैसले लिए जाते हैं .

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