Yama Deepak 2023: 12 नवंबर को पूरे देश में दीपावली का त्‍यौहार धूमधाम से मनाया जाएगा. इससे एक दिन पहले धनतेरस है. धनतेरस में यम दीपक जलाया जाता है. तो आइये जानते हैं यम दीपक क्‍यों जलाया जाता है और इसका महत्‍व क्‍या है?. 


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चौमुखा दीपक जलाएं 
हिन्‍दू पंचांग के मुताबिक, पांच दिनों तक चलने वाला दीवाली का पर्व धनतेरस के साथ शुरू हो जाता है. धनतेरस के दिन शाम को मां लक्ष्मी, कुबेर भगवान की पूजा करने के साथ यमराज की पूजा करने का भी विधान है. साथ ही शाम के समय दक्षिण दिशा में एक चौमुखा दीपक भी जलाया जाता है, जिसे यम दीपक कहते हैं. 


यम देव को प्रसन्‍न करें 
यम दीपक मृत्यु के देवता यमराज को समर्पित होता है. कहा जाता है कि यम देव को इस दिन दीपदान करने से वह प्रसन्‍न होते हैं. ऐसे करने से उस परिवार में किसी की अकाल मृत्‍यु नहीं होती. यम देव खुश रहते हैं. 


साल में एक बार करें पूजा 
यम देव की पूजा करने के लिए बस घर की महिला को एक दीपक जलाना होता है. प्रवेश द्वार के बाहर दीपक जलाकर यमराज से कुशलता की प्रार्थना की जाती है. साल में एक बार यम देव को दीपक जलाकर उनकी पूजा करनी चाहिए. 


दीपक जलाने के नियम 
शास्त्रों के अनुसार, यम दीपक को धनतेरस के दिन जलाना चाहिए. कुछ लोग धनतेरस के दिन की जगह छोटी दीपावली को भी यम दीपक जलाते हैं. यम दीपक को कभी भी घर के अंदर नहीं जलाना चाहिए. यदि आप यम दीपक जलाते हैं तो घर के बार ही जलाएं और इसे दक्षिण दिशा में रखना न भूलें. 


 


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