गरुड़पुराण के अनुसार पृथ्वी पर जीवन जीने के बाद जब मनुष्य अपने शरीर का त्याग करता है, तो उसकी आत्मा को इस संसार को छोड़कर एक नए लोक में जाना पड़ता है.
गरुड़ पुराण में बताया गया है कि जब एक आत्मा शरीर त्यागती है, तब सबसे पहले वह यमलोक जाती है. वहां यमदूत 24 घंटे के लिए आत्मा को रखते हैं और व्यक्ति के कर्मों को दिखाया जाता है. गरुण पुराण के अनुसार इस नए संसार में आत्मा को उसके कर्मों के अनुसार फल भोगना पड़ता है.
गरुड़पुराण के अनुसार आत्मा को नया जन्म लेने के लिए अपने कर्मों का हिसाब देते हुए यमलोक में 16 नगरों से होकर गुजरना पड़ता है. मतलब है कि जैसे कर्म किए हैं, उसी के हिसाब से कर्मों का फल दिया जाता है. इस लेख में जानते हैं यमलोक के इन 16 नगरों के बारे में.
यमलोक का यह नगर उन लोगों के लिए बनाया गया है,जो लोग स्वार्थी होते हैं. वो स्त्री-पुरुष जो एक-दूसरे को केवल उपभोग और उपयोग की वस्तु समझते हैं, उन्हें इस नरक में भेजा जाता है.
गरुड़ पुराण के अनुसार जो लोग जीवन में बुरे कर्म करते हैं, उन्हें इस नदी से गुजरना पड़ता है. मरने के बाद आत्मा को एक नदी पार करनी पड़ती है. नरक की इस नदी में गंदगी, कीड़े-मकौड़े, सांप, मांस और आग होती है और इसका रंग लाल होता है.
यमलोक के इस नरक में उन लोगों को भेजा जाता है, जो लालची होते हैं और जिन्होंने अपने जीवन में दूसरे लोगों की संपत्ति हड़पी होती है. इस लोक में बुरा व्यवहार होता है.
गरुण पुराण के अनुसार सभी प्रकार की कीमती चीजों की चोरी करने वाले लोगों को तत्पमूर्ति नरक से गुजरना पड़ता है. कहने का अर्थ है कि जिन लोगों ने जीवन में कभी भी रत्नों और धातुओं की चोरी या धोखा देकर ये रत्न चुराते हैं, उन्हें तप्तमूर्ति नरक की आग में रखा जाता है.
गरुण पुराण के अनुसार इस नरक से उन लोगों को गुजरना पड़ता है, जो ज्ञानी होने का ढोंग करते हैं. भगवान के नाम पर गलत कामों को करने वाला विलपक नरक में जाने का भागी बनता है.
ये नरक उन लोगों के लिए है जो लोग बहुत झूठ बोलते हैं. ऐसे इंसान को अविसी नरक में घूमना पड़ता है. ऐसा कहते हैं कि इस नरक में आत्मा के सूक्ष्म शरीर को बहुत ऊंचाई से नीचे फेंका जाता है.
गरुण पुराण के अनुसार जो लोग मर्जी के बिना शारीरिक सम्बध बनाते हैं या बलात्कार-शोषण करते हैं, ऐसे लोगों को ललाभक्षम नरक में भेजा जाता है.
गरुण पुराण के अनुसार सितापत्रम नरक का सामना उन लोगों को करना पड़ता है जो अपनी जिम्मेदारियों का निर्वाह नहीं करते हैं. अपने कर्तव्य से पीछा छुड़ाने के लिए भागते हैं.
जो लोग अपने से बड़ों का अपमान करते हैं, उन्हें कलसूत्रम नरक में रखा जाता है. गरुण पुराण के अनुसार यहां उन्हें असहनीय गरम तापमान में रखा जाता है.
गरुण पुराण के अनुसार ऐसे लोग किसी का भरोसा तोड़ते हैं, उन्हें इस नरक से गुजरना पड़ता है. इस नरक में एक कुआं होता है, जिसमें रक्त, मल-मूत्र और कई तरह की घृणित वस्तुएं होती हैं.
गरुण पुराण के अनुसार जो जानवरों के साथ बुरा व्यवहार करते हैं और उनको यातनाएं देते हैं, उन्हें कुंभीपाकम नरक से होकर गुजरना पड़ता है. नरक में खोलते हुए गर्म तेल में आत्मा के सूक्ष्म शरीर को डाला जाता है.
जो लोग प्रकृति के साथ खिलवाड़ करते हैं और पेड़ पौधे काटते हैं, उन्हें यहां की यातनाएं भुगतनी पड़ती हैं.
गरुण पुराण के अनुसार जो लोग किसी की मजबूरी का फायदा उठाते हैं यानी जो गरीबों को पैसा देकर उनसे मौटा व्याज वसूलते हैं उन्हें दुर्धर नरक में रखा जाता है.
ये नरक उन लोगों के लिए है जो अच्छे लोगों को परेशान करते हैं. बुरा व्यवहार करने पर यहां पर उनको यातनाएं दी जाती हैं.
गरुण पुराण के अनुसार महावीचि नरक उन लोगों के लिए है जो लोग गायों की हत्या करते हैं या जो अपने फायदे के लिए उन पर अत्याचार करते हैं. यहां पर उन्हें बहुत यातनाएं दी जाती हैं.
शाल्मलि नरक में उनको रखा जाता है जो किसी दूसरे के साथ गलत सम्बध बनाते हैं. साथ ही उन्हें इस नरक में कई यातनाएं झेलनी पड़ती हैं.
यहां दी गई सभी जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. Zeeupuk इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.