Sawan 2024 : सावन का महीना चल रहा है. सावन के महीने में भगवान शिव को प्रसन्‍न करने के लिए व्रत रखा जाता है. सावन में सोमवार का व्रत रखने से मनचाहा फल मिलता है. तो आइये जानते हैं सावन के महीने में सबसे पहले किसने व्रत रखा था और कब रखा था. 


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भगवान परशुराम ने की थी पूजा 
मान्‍यताओं के मुताबिक, सावन मास में भगवान शिव के साथ भगवान परशुराम की भी पूजा की जाती है. कहा जताा है कि भगवान परशुराम ने ही सबसे पहले कांवड़ यात्रा की शुरुआत की थी. सावन महीने के दौरान भगवान परशुराम ने सोमवार को कांवड़ में गंगा जल भरकर और शिव मंदिर में शिवलिंग पर चढ़ाकर नियमित रूप से पूजा-अर्चना की. ऐसे में माना जाता है कि भगवान परशुराम ने ही सबसे पहली बार सावन महीने में कांवड़ यात्रा की शुरुआत की थी. साथ ही सावन में उन्‍होंने ही पहला व्रत रखा था. 


माता पावर्ती से जुड़ा प्रसंग 
एक और पौराणिक कथा के मुताबिक, माता सती अपने पिता दक्ष प्रजापति के विशाल यज्ञ में शामिल होने घर गई थीं. वहां अपने पिता राजा दक्ष के द्वारा भगवान शिव का अपमान किया गया. भगवान भोलेनाथ के अपमान से दुखी और क्रोधित होकर माता सती ने उसी यज्ञ की अग्नि में अपनी भौतिक देह का होम कर दी थी और प्रण लिया था कि अगले जन्म में भी वे भगवान शिव को अपने पति के रूप में प्राप्त करेंगी.


एक और पौराणिक कथा 
अपने दूसरे जन्म में देवी सती ने पार्वती के नाम से हिमवान और मैनावती की पुत्री के रूप में जन्म लिया. उन्होंने सावन के महीने में उपवास किया और भगवान शिव से विवाह किया और उनके साथ एक सुखी जीवन व्यतीत किया. तब से सावन का महीना भगवान शिव के लिए विशेष हो गया. सावन में व्रत रखने के पीछे यह भी प्रमुख वजह बताई जाती है. 


इस बार सावन में पांच सोमवार 
बता दें कि इस बार सावन महीने में पांच सोमवार पड़ रहे हैं. पहला सोमवार 22 जुलाई और दूसरा सोमवार 29 जुलाई को पड़ा था, ये दोनों सोमवार बीत गए हैं. तीसरा सोमवार 5 अगस्‍त, चौथा सोमवार 12 अगस्‍त और पांचवां सोमवार 19 अगस्‍त को पड़ रहा है. सावन के सोमवार का व्रत रखने से भगवान हर मनोकामना पूर्ण करते हैं. 


डिस्क्लेमर: यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. zeeupuk इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.


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