Akshat ke Jyotish Upya: सनातन परंपरा में किसी भी पूजा-पाठ में अक्षत का प्रयोग क्यों होता है? हिंदू धार्मिक कार्यों में आखिर इसका क्यों होता है प्रयोग? अक्षत या फिर कहें चावल से जुड़े चमत्कारी उपाय जानने के लिए जरूर पढ़ें ये लेख.
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Rice Astro remedy: देवी-देवताओं की पूजा में हमेशा से अक्षत अर्पित करने की परंपरा चली आ रही है. हिंदू मान्यता है कि प्रकृति में सबसे पहले अगर किसी चीज की खेती हुई थी तो वो चावल की ही खेती हुई थी और फिर इश्वर को सबसे पहले चावल ही अर्पित किया गया था. तब से लेकर आज तक अक्षत का प्रयोग पूजा-पाठ में किया जाता है. अक्षत यानी जिसका क्षय न हो. यह एक मजबूत छिलके के अंदर होता है जिसे न तो पशु-पक्षी क्षति पहुंचा सकते हैं और ही इसे कोई जूठा कर सकता है. यही कारण है कि बहुत शुभ व पवित्र माना गया है. इतना ही पूजा में भी विशेष रूप से इसे भगवान को अर्पित किया जाता है. आइए अक्षत से जुड़े कुछ अचूक उपायों को जानते हैं जिसको करके जीवन से जुड़ी कई परेशानियों को दूर किया जा सकता है.
अक्षत के उपाय जानिए
देवी या देवता की पूजा में अगर अक्षत चढ़ा दिया जाए तो व्यक्ति के पूर्व में किए दैहिक, दैविक और भौतिक पाप कट जाते हैं.
यदि बहुत परिश्रम करने के बाद भी घर में अन्न की कमी बनी रहती है तो मां अन्नपूर्णा की फोटो या प्रतिमा अक्षत की ढेरी में रखें और हर दिन पूजा करें. समस्या दूर होगी.
यदि हर कोशिश के बाद भी बिजनेस में मनचाही सफलता दूर है तो कौए या दूसरे पक्षी को मीठे चावल खिलाएं. करियर और कारोबार में उन्नति मिलेगी.
शिवजी की पूजा में अगर अक्षत अर्पित करें तो शिवपूजा में चढ़ाए एक एक दाने का फल मिलता है. भक्त की मनोकामनाएं पूर्ण होती है और भोलेनाथ शीघ्र प्रसन्न होते हैं.
अक्षत मिलाकर अर्घ्य
शुक्रवार को अगर मां लक्ष्मी की पूजा में अक्षत के 21 दाने पीले रंग में रंगकर लाल कपड़े में रखें और माता को अर्पित करें, इसके बाद प्रसाद के रुप में धन स्थान पर इन अक्षत को रखें तो बड़ा आर्थिक संकट भी दूर होता है और माता लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है.
सूर्योदय के समय तांबे के लोटे में अगर रोली के साथ चार दाने अक्षत मिलाकर हर दिन अर्घ्य दें तो व्यक्ति पर सूर्यदेव कृपा बरसाते हैं और सोया भाग्य भी खुल जाता है.