गणेश चतुर्थी पर करना है गणपति बप्‍पा के दर्शन, यूपी के इन फेमस मंदिर में पूरी होती है हर मनोकामना
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गणेश चतुर्थी पर करना है गणपति बप्‍पा के दर्शन, यूपी के इन फेमस मंदिर में पूरी होती है हर मनोकामना

Famous Ganesh Temple In UP:  गणेश चतुर्थी पर सुबह से ही मंदिरों में भक्‍तों की भीड़ जुटने लगी. यूपी में कई फेमस गणेश मंदिर हैं. 

फाइल फोटो

Famous Ganesh Temple In UP: यूपी समेत देशभर में आज गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया जा रहा है. सुबह से ही लोग भगवान गणेश के मंदिर दर्शन करने के लिए पहुंचने लगे हैं. लखनऊ में बीबीडी स्थित श्री सिद्ध गणेश मंदिर के अलावा कई और फेमस मंदिर हैं. तो आइये जानते हैं यूपी में फेमस गणेश मंदिर कहां-कहां हैं?.   

लखनऊ का श्री सिद्ध गणेश मंदिर 
लखनऊ का श्री सिद्ध गणेश मंदिर बीबीडी में स्थित है. करीब 14 साल पुराने इस गणेश मंदिर की मान्‍यता है कि जो भी भक्‍त यहां अपनी मनोकामना लेकर आता है. भगवान गणेश हर भक्‍तों की मनोकामनाएं पूरी करते हैं. इस मंदिर में एक गर्भगृह है जहां भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित है. भगवान गणेश की प्रतिमा के सामने उनकी सवारी मूषक भी हैं. मंदिर में दूर-दूर से लोग गणेश जी की पूजा करने आते हैं. 

'बड़े पीपल का पेड़' वाला गणेश मंदिर
लखनऊ में ही बड़े पीपल का पेड़ वाला गणेश मंदिर है. मान्‍यता है कि भगवान गणेश की आकृति एक पीपल के पेड़ में प्रकट हुई है. बड़े पीपल के पेड़ वाला मंदिर न केवल अपनी अद्वितीयता के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि यहां की आस्था और भक्ति की भावना भी लोगों को आकर्षित करती है. मंदिर के पुजारी के मुताबिक, यह पीपल का पेड़ करीब 250 वर्ष पुराना है. इसमें स्वतः ही भगवान गणेश की आकृति बन गई है. लोगों का यह भी मानना है कि पीपल के पेड़ में 33 कोटि देवताओं का वास होता है. यह पूजनीय पेड़ है. अब भगवान गणेश ने हमें यहां दर्शन दिए हैं.

मेरठ में सिद्धिविनायक मंदिर 
मेरठ में महाराष्‍ट्र के सिद्धिविनायक मंदिर की तरह ही गणेश मंदिर है, जिसका नाम सिद्धिविनायक मंदिर है. कल्‍याणीनगर में स्थित इस मंदिर की स्‍थापना हरिकिशोर गुप्‍ता ने की थी. उनका कहना है कि पत्‍नी सुशीला के सपने में भगवान गणेश जी आए थे. पत्‍नी की मौत के बाद वह गणेश जी की पूजा में लग गए. 24 साल पुराने इस गणेश मंदिर में दर्शन करने के लिए पश्चिमी यूपी से लोग मेरठ पहुंचते हैं. 

मीरजापुर में भी गणेश मंदिर  
मीरजापुर के रामपुर में भी भगवान गणेश जी का मंदिर है. पहली बार भगवान गणेश की मूर्ति 1960 में भयंकर सूखा के बाद सामने आया था. गड्ढे में भगवान गणेश की मूर्ति पानी में डूबा था जो सूखा पड़ने के बाद चरवाहों ने इस मूर्ति को देखा था. इसका पूजन अर्चन किया जा रहा है. क्षेत्र के लोग भगवान गणेश को कोतवाल मानते हैं. आस-पास के लोगों की मदद से भगवान की अस्थायी मंदिर का निर्माण कराया गया है. 

कानपुर में एकलौता मंदिर 
कानपुर के घंटाघर में गणेश मंदिर यूपी का ऐसा इकलौता मंदिर है, जिसका स्वरूप तीन खंड के मकान जैसा है. यहां भगवान गणेश के 10 रूप एक साथ मौजूद हैं. कहा जाता है कि यहां भगवान गणेश का मंदिर बनने के दौरान अंग्रेजों ने करीब में मस्जिद होने के कारण रोक लगाई थी. ऐसे में मंदिर निर्माण समिति ने तीन खंड का मकान बनवाकर अंग्रेजों को चकमा दिया. मकान का निर्माण पूर्ण होते ही यहां गणपति की स्थापना हो गई. 

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