Patal Bhuvneshwar: उत्तराखंड की रहस्यमयी गुफा, गणेश जी का कटा हुआ सिर यहां है सुरक्षित
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Patal Bhuvneshwar: उत्तराखंड की रहस्यमयी गुफा, गणेश जी का कटा हुआ सिर यहां है सुरक्षित

Patal Bhuvneshwar Cave: भगवान शंकर ने क्रोध में आकर पुत्र गणेश का सिर काटकर धड़ से अलग कर दिया. बाद में उन पर हाथी का सिर लगाया गया. उनका पहला सिर उत्तराखंड की पाताल भुवेश्वर गुफा में है. 

 

Patal Bhuvneshwar Cave

Bageshwar: जब माता पार्वती ने अपने पुत्र गणेश के शरीर की रचना की तो उन्हें एक खूबसूरत बालक बनाया. उनका मुख भी अन्य देवों की तरह सुन्दर और तेजमयी था. एक बार माता पार्वती  स्नान करने गई और अपने प्यारे पुत्र गणेश जी को पहरेदारी पर रखते हुआ कहा कि किसी को भी अंदर नहीं आने देना है. माता के स्नान करने के दौरान ही द्वार पर भगवान शंकर आए और गणेश जी से अंदर जाने के लिए आग्रह करने लगे. लेकिन पुत्र गणेश ने उन्हें अपने ही घर में प्रवेश करने से मना कर दिया, जिसके बाद शिव जी बहुत ही क्रोधित हो गए. उन्होंने अपना त्रिशूल उठाया और गणेश का सिर धड़ से अलग कर दिया. स्कन्द पुराण के अनुसार, उनका यह कटा हुआ सिर उत्तराखंड की इस गुफा में रख दिया गया और गणेश जी पर हाथी का सिर लगाया गया. 

यहां है गणेश जी का कटा हुआ सिर 
उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में पाताल भुवनेश्वर गुफा मौजूद है. यह गुफा उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल के अल्मोड़ा से शेराघाट होते हुए 160 किलोमीटर दूर गंगोलीहाट में स्थित है. खूबसूरत पहाड़ी पर स्थित इस गुफा में लाखों भक्त दर्शन करने जाते हैं. समुद्र तल से 1,350 मीटर की ऊंचाई पर स्थित पाताल भुवनेश्वर गुफा मुख्य द्वार से 160 मीटर लंबी और 90 मीटर गहरी है. इस गुफा में भगवान गणेश का सिर चट्टान के आकार में है. इसके ऊपर ब्रह्मकमल बना हुआ है जिसकी 108 पंखुड़ियों हैं. मान्यता है कि यहां ब्रह्मकमल की स्थापना भगवान शंकर ने की थी.

गुफा के खास बातें 
स्कंदपुराण के अनुसार, गुफा में केदारनाथ, बद्रीनाथ और अमरनाथ के दर्शन होते हैं. यहां पर कामधेनु गाय का थन बना हुआ है जिसमें से पानी बहता रहता है. पाताल भुवनेश्वर गुफा में भैंरव जीभ भी है. ऐसी मान्यता है कि जो इस मुंह से गर्भ में प्रवेश कर पूंछ तक पहुंच जाएगा उसे मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है. इसके अलावा गुफा में शेषनाग की मूर्ती और गरूड़ की मूर्ती भी है. गुफा में कई कुंड भी मौजूद हैं जिनका विशेष महत्व है. उत्तराखंड जाने वाले भक्त जानकारी होने पर यहां एक बार दर्शन करने जरूर जाते हैं.

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