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Ashadh Month 2024: आषाढ़ माह में भूलकर भी नहीं करें ये काम, जान लीजिए नियम कहीं श्रीहरि न हो जाएं नाराज

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, आषाढ़ माह में भगवान विष्णु की विशेष पूजा की परंपरा है. अषाढ़ माह में पिंडदान, तर्पण, स्नान और दान आदि किया जाता है.

 

Ashadha Maas 2024

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Ashadha Maas 2024

ज्येष्ठ खत्म होने के बाद आषाढ़ माह में कई महत्वपूर्ण व्रत और त्योहार आते हैं.आषाढ़ माह को आध्यात्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. आषाढ़ मास 22 जून से प्रारंभ और 21 जुलाई को समापन हो रहा है. इस माह में कुछ कामों को करने की मनाही होती है और कुछ काम करने शुभ माने जाते हैं.

नहीं करें ये सेवन

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नहीं करें ये सेवन

हिंदू धर्म में आषाढ़ मास में  बैंगन,मसूर दाल, गोभी, लहसुन, प्याज आदि का सेवन करना मना किया गया है. इन सबसे दूरी बनाकर रखनी चाहिए. इसके अलावा  इस मास में  तेल वाली चीजों को खाने से बचना चाहिए. 

 

शादी, विवाह जैसे मांगलिक कार्य

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शादी, विवाह जैसे मांगलिक कार्य

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार आषाढ़ माह में शादी, विवाह जैसे मांगलिक कार्य नहीं किए जाते. इतना ही नहीं, इस माह में बासी खाना खाने की भी मनाही होती है. 

 

मांस-मछली वर्जित

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मांस-मछली वर्जित

ज्योतिष में इस माह में मांस-मछली, मदिरा, या किसी भी तरह का  नशीले पदार्थ और अनैतिक कृत्यों से दूर रहना चाहिए.  कुछ लोग तो इस मास में प्याज भी त्याग देते हैं.

 

इनसे बनाएं दूरी

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इनसे बनाएं दूरी

क्रोध, अहंकार, घमंड आदि चीजों से दूर रहें. इस मास में किसी को अपमान ना करें और अपशब्द ना बोलें.

 

जल का अपमान

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जल का अपमान

ज्योतिष शास्त्र में आषाढ़ माह में जल का अपमान करना भी अशुभ बताया गया है. ऐसे में पानी को बर्बाद नहीं करें. इस माह में ज्यादा से ज्यादा पानी का दान करें. 

 

आषाढ़ माह में क्या करें

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आषाढ़ माह में क्या करें

इस माह में तर्पण, स्नान और दान आदि करना शुभ माना गया है. इससे पूर्वज प्रसन्न होते हैं और भक्तों पर कृपा बरसाते हैं. इस महीने तीर्थयात्रा से न केवल पुण्य लाभ मिलता है बल्कि स्वास्थ्य लाभ और आध्यात्मिक शांति भी मिलती है।

 

सूर्य को अर्घ्य

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सूर्य को अर्घ्य

आषाढ़ माह में हर रोज सुबह सूर्योदय से पहले उठकर सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए. रोज सुबह पूजा करते समय मंत्र जप और ध्यान करें.

 

दान

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दान

जरूरतमंद लोगों को धन और अनाज के साथ-साथ कपड़े और छाते का भी दान करना चाहिए. ऐसा करने से विष्णु जी प्रसन्न होते हैं.

 

Disclaimer

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Disclaimer

यहां दी गई सभी जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. Zeeupuk इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.