Hartalika Teej 2024 Rules: हरतालिका तीज सुहागिन महिलाओं के लिए विशेष महत्व रखता है इस दिन महिलाएं घर की सुख-शांति और पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं. यह व्रत बहुत महत्वपूर्ण होता है इसलिए इस व्रत को रखने के लिए कुछ नियमों का पालन करना जरूरी होता है.
हरतालिका तीज का त्योहार देशभर में काफी धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. हरतालिका तीज सुहागिन महिलाओं का सबसे खास त्योहार माना जाता है. हरतालिका तीज को उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के कुछ भागों में तीजा भी कहा जाता है. इस साल ये पर्व 6 सितंबर को रखा जाएगा.
ये व्रत कुंवारी कन्याएं और महिलाएं रख सकती है. इस दिन सुहागन महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं और पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं. तीज के मौके पर सुहागन महिलाएं भगवान शिव और माता पार्वती (Mata Parvati) की पूजा करती हैं.
इस व्रत को अन्य व्रतों की तुलना में सबसे कठिन माना जाता है, क्योंकि करीब 36 घंटे तक महिलाएं बिना कुछ खाए-पिए निर्जल व्रत रखती हैं. इस व्रत को करने के दौरान कई नियमों का पालन करना पड़ता है, तभी व्रत और पूजा सफल मानी जाता है. इस लेख में जानते हैं हरतालिका तीज व्रत के नियम के बारे में.
ये व्रत दिन और रात दोनों समय लगातार रखा जाता है. इन दिन महिलाओं को रातभर जागना जरूरी होता है, क्यों आठों प्रहर पूजा भी करना होती है और यह भी मान्यता या अंधविश्वास है कि जो महिला सो जाती है उसे अजगर या मगरमच्छ की योनि प्राप्त होती है. महिलाएं जागते हुए भगवान शिव और मां पार्वती की अराधना करती हैं. इसलिए इस तीज को कठिन कहा जाता है.
ऐसी मान्यता है कि यदि कोई भी कुंवारी या विवाहित महिला एक बार इस व्रत को रखना शुरू कर देती हैं तो उसे जीवनभर यह व्रत रखना ही होता है. बीमार होने पर दूसरी महिला या पति इस व्रत को रख सकता है. जिन महिलाओं ने व्रत रखा है उन्हें व्रत नहीं तोड़ना चाहिए। ऐसा करना अशुभ माना जाता है।
हरतालिका तीज व्रत रखने वाली महिलाएं इस दिन अपने गुस्से पर काबू रखें. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार तीज के दिन हाथों में मेंहदी इसलिए लगाई जाती है कि ताकि मन शांत और ठंडा रहे. किसी से गलत व्यवहार भी न करें. ऐसा करने से घर में नकारात्मकता बनी रहती है.
व्रत करने वाली महिलाओं को अपने मन में किसी तरह का खोट नहीं लाना चाहिए अर्थात किसी के भी प्रति गलत भावना ना रखें और भूलकर भी किसी को भला बुरा न कहें. इस दिन किसी के लिए भी अपने में गलत भावना या खोट न रखें.
हरतालिका तीज का व्रत अत्यंत कठिन होता है. ये निर्जला व्रत होता है. यानी कि व्रती महिलाएं इस दिन जल या पानी तक ग्रहण नहीं कर सकती हैं. अगर किसी महिला ने पानी पी लिया तो व्रत खंडित हो जाता है.
कुछ महिलाएं निर्जला व्रत के दौरान रात को दूध पी लेती हैं. उनके बारे में मान्यता है ऐसी महिलाएं अगल जन्म में उन्हें सर्प का जन्म मिलता है. इसलिए इस दिन महिलाओं को अपने आप पर संयम रखते हुए पूरे मनोभाव से व्रत करना होता है तभी इसका फल मिलता है.
तीज का त्योहार साल में तीन बार आता है. हरियाली तीज, कजरी तीज व हरतालिका तीज. इन तीनों तीज का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है और इन तीनों तीज में भगवान शंकर व माता पार्वती की पूजा की जाती है.
यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं-धार्मिक जानकारियों और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है. हां यह बताना जरूरी है कि ZEE UPUK किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है.