जन्माष्टमी का त्योहार आने वाला है. कान्हा के भक्त इसका बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. भगवान श्रीकृ्ष्ण का जन्म भाद्रपद्र माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को हुआ था. उदयातिथि के अनुसार इस साल जन्माष्टमी का त्योहार 26 अगस्त सोमवार को है.
जन्माष्टमी पर लड्डू गोपाल का जन्मोत्सव मनाया जाता है, भक्त इस दिन व्रत भी रखते हैं. अगर आप भी लड्डू गोपाल की मूर्ति इस दिन घर ला रहे हैं तो इसको रखते समय कुछ बातों का खास ध्यान रखना चाहिए. आइए जानते हैं इनके बारे में.
सबसे पहला है कि लड्डू गोपाल की मूर्ति का आकार कितना होना चाहिए. घर में लड्डू गोपाल की मूर्ति को ज्यादा बड़ा नहीं रखना चाहिए. अपने अंगूठे के आकार या करीब 3 इंच की मूर्ति रखना शुभ माना जाता है.
लड्डू गोपाल को भोग लगाने के लिए भी कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए. लड्डू गोपाल को दिन में कम से कम चार बार जरूर भोग लगाएं. इसमें सात्विक भोजन और मिष्ठान चढ़ा सकते हैं.
कान्हा को सुलाने का भी खास ख्याल रखें. लड्डू गोपाल को रात को उनके बिस्तर पर सुला देना चाहिए और मंदिर का पर्दा गिरा देना चाहिए. इसका नियमित तौर पर पालन करना चाहिए.
लड्डू गोपाल को घर में रखने की सोच रहे हैं तो हमेशा ध्यान रखें कि उनको घर में कभी अकेला नहीं छोड़ना है. अगर कभी ज्यादा समय के लिए बाहर जाना पड़ रहा है तो उनको अपने साथ लेकर जाएं.
लोगों के मन में सवाल रहता है कि लड्डू गोपाल को घर कब लाना चाहिए, क्या किसी खास मुहूर्त में ऐसा करना चाहिए? ऐसे तो लड्डू गोपाल को घर लाने का कोई निश्चित शुभ मुहूर्त नहीं है, लेकिन जन्माष्टमी के दिन के इनको घर लाना शुभ माना जाता है.
सुबह उठकर स्नान करने के बाद लड्डू गोपाल की आरती करें और शाम को भी उनकी आरती करें. मान्यता है कि ऐसा करने लड्डू गोपाल की कृपा परिवार पर बनी रहती है.
घर में नियमित तौर पर नियमित रूप से पूजा-अर्चना की जाती है. भगवान श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप लड्डू गोपाल के शृंगार को अतिप्रिय माना गया है. लड्डू गोपाल का रोजना शृंगार भी करना चाहिए. उनके माथे पर चंदन का तिलक लगाएं.
यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. Zeeupuk इस बारे में कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.