Sawan 2024 Puja Niyam: हिंदू चंद्र कैलेंडर के अनुसार, सावन का शुभ महीना पांचवें महीने में आता है, जिसे श्रवण का महीना भी कहते हैं. शास्त्रों के अनुसार, सावन की शिवरात्रि का विशेष महत्व बताया जाता है.
शिवलिंग की पूजा करते समय कुछ चीजें का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए. ज्योतिष में कुछ चीजें ऐसी हैं जिन्हें भूल से भी शिवलिंग पर नहीं चढ़ाना चाहिए.
सावन में विधि-विधान से भोलेनाथ की पूजा की जाती है. सावन का महीना भगवान शिव को बहुत प्रिय है. भोले बाबा को प्रसन्न करने के लिए शिव भक्त कई तरह से पूजा अर्चना करते हैं, ताकि उन पर हमेशा महादेव का आशीर्वाद बना रहे.
जाने अनजाने हम कुछ ऐसी चीजें शिवलिंग पर अर्पित कर देते हैं, जिससे महादेव नाराज भी हो सकते हैं. शिव पुराण में कुछ ऐसी ही चीजों के बारे में बताया गया है, जिनको शिवलिंग पर चढ़ाने से बचना चाहिए. आइए जानते हैं उन चीजों के बारे में..
तुलसी के बिना भगवान विष्णु की पूजा अधूरी मानी जाती है लेकिन भूलकर भी शिवलिंग पर तुलसी नहीं चढ़ाएं. ऐसी मान्यता है कि जालंधर राक्षस का वध भगवान शिव ने किया था जो वृन्दा का पति था. कथाओं के अनुसार विष्णु जी के श्राप के कारण वृंदा कालांतर में तुलसी बनीं और इसके साथ ही तुलसी लक्ष्मी स्वरुपा भी हैं. इसलिए तुलसी का उपयोग भगवान शिव की पूजा में नहीं किया जाता है.
शिवलिंग पर हल्दी और सिंदूर का प्रयोग करना निषेध है क्योंकि ये दोनों ही सुंदरता को प्रकट करते हैं और भगवान शंकर हमेशा अपने शरीर पर भस्म लगाए रहते हैं. ज्योतिषाचार्यों और कुछ ग्रंथों की मानें तो कभी भी शिवलिंग पर हल्दी नहीं चढ़ाना चाहिए. केवल महाशिवरात्रि के दिन माता पार्वती और शिव जी के दौरान ही हल्दी का इस्तेमाल किया जाता है.
ज्योतिषाचार्य की मानें तो शिवलिंग पर केतकी के फूल चढ़ाने की भी मनाही है. पौराणिक कथा के अनुसार, केतकी फूल ने ब्रह्मा जी के झूठ का साथ दिया था. जिससे भगवान शिव को बहुत गुस्सा आया और शिव ने केतकी के फूल को यह श्राप दिया कि उनकी पूजा में कभी भी केतकी के फूलों का उपयोग नहीं किया जाएगा.
भगवान शिव को अक्षत यानि चावल बहुत प्रिय हैं. शिवलिंग पर टूटे हुए चावल नहीं चढ़ाने चाहिए. ऐसा करने से भगवान बहुत क्रोधित होते हैं. शिवजी को साबुत चावल चढ़ाएं
नारियल के पानी से बगवान शिव का अभिषेक नहीं किया जाता है. ऐसा माना जाता है कि जिस नारियल को देवताओं को चढ़ाया जाता है बाद में उसका प्रसाद ग्रहण करना होता है, लेकिन शिवलिंग का अभिषेक जिन पदार्थों से होता है उन्हें ग्रहण नहीं किया जा सकता है
शिवलिंग पर अभिषेक करते समय भूल से भी तिल का उपयोग नहीं करना चाहिए . भगवान शिव को तिल चढ़ाना भी वर्जित माना जाता है. क्योंकि तिल भगवान विष्णु के मैल से उत्पन्न हुआ था. काले तिल को पितरों के तर्पण और शनि देव को अर्पित किया जाता है.
यहां दी गई सभी जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. Zeeupuk इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.