Shardiya navratri 7th day Maha Upay: हिंदू मान्यता के अनुसार नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि की विधि-विधान से पूजा करने पर साधक के सभी शत्रुओं का नाश होता है और उसे जीवन में कभी कोई भय नहीं सताता है. ज्योतिष के अनुसार मां कालरात्रि की पूजा करने पर व्यक्ति की कुंडली में स्थित शनि संबंधी सभी दोष और उससे होने वाले कष्टों से मुक्ति मिल जाती है.
शारदीय नवरात्रि के सातवें दिन महासप्तमी होती है. इस दिन मां दुर्गा के सातवें स्वरूप कालरात्रि की पूजा का विधान है. मां कालरात्रि ही वह देवी हैं जिन्होंने मधु कैटभ जैसे असुर का वध किया था. धार्मिक मान्यता है कि पूरे विधि-विधान से पूजा करने पर मां अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं. मां के भक्तों को किसी भूत, प्रेत या बुरी शक्ति का भय नहीं सताता.
मां कालरात्रि को भद्रकाली भैरवी महाकाली रुद्रानी चामुंडा चंडी रौद्री और धुमोरना भी कहा जाता है. मां का स्वरूप अत्यंत उग्र है किन्तु मां अपने भक्तों पर अपार कृपा-दृष्टि बरसाती हैं. शास्त्रों में देवी कालरात्रि को त्रिनेत्री कहा गया है. इनके तीन नेत्र ब्रह्मांड की तरह विशाल हैं, जिनमें से बिजली की तरह किरणें प्रज्वलित हो रही हैं. इनके बाल खुले और बिखरे हुए हैं जो की हवा में लहरा रहे हैं.
नवरात्रि के सातवें दिन मां दुर्गा की सातवीं शक्ति मां कालरात्रि की पूजा अर्चना की जाती है. तांत्रिकों और अघोरियों के लिए यह रात बहुत महत्वपूर्ण होती है क्योंकि इस रात तंत्र मंत्र और सिद्धि के लिए मां कालरात्रि की पूजा अर्चना की जाती है.
आप देवी के इस स्वरूप की पूजा का शीघ्र ही पुण्यफल पाना चाहते हैं तो आपको नवरात्रि के सातवें दिन की पूजा में ॐ ऐं ह्रीं क्लीं कालरात्र्यै नम: मंत्र अधिक से अधिक माला जप करना चाहिए. मान्यता है कि इस मंत्र के सिद्ध होते ही साधक पर देवी कालरात्रि की असीम कृपा बरसती है और उसे सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होती है.
तंत्र शास्त्र में नवरात्रि के सातवें दिन के लिए रात के समय किए जाने वाले कुछ विशेष उपाय बताए गए हैं. इन उपायों को रात के समय करने से सभी नकारात्मक शक्तियों का अंत हो जाता है और बल व आयु में वृद्धि होती है। जानते हैं नवरात्रि के सातवें दिन किए जाने वाले रात के इन उपायों के बारे में...
नवरात्रि के सातवें दिन की रात की जाने वाली पूजा को निशा पूजा कहा जाता है. इस पूजा में तांत्रिक माता का अनुसरण करते हैं और सिद्धियां प्राप्त करने के लिए पूजा अर्चना करते हैं.
सप्तमी तिथि की रात माता कालरात्रि के बीज मंत्र 'ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै नमः' मंत्र का सवा लाख बार जप करना चाहिए. इसके बाद दुर्गा सप्तशती का पाठ करें और रात्रि को जागरण करें. इस उपाय को करने से सभी तरह की अशुभ शक्तियों का अंत हो जाता है. सवा लाख बार मंत्र का जप करने से बीज मंत्र सिद्ध हो जाता है. मां आपकी सभी मनोकामना पूरी करती हैं.
नवरात्रि के सप्तमी तिथि की रात को माता कालरात्रि की पूजा अर्चना करने के बाद पेठे की बलि दी जाती है. इसके बाद आप गुड़ से बनी मिठाई या भोजन माता को अर्पित करें और ॐ कालरात्रि माता देव्यै नमः मंत्र का 108 बार जप करें. ऐसी मान्यता है कि ऐसा करने से विजय और बल की प्राप्ति होती है और सभी तरह के रोगों से मुक्ति मिल जाती .
नवरात्रि के सातवें दिन की रात को हवन और दुर्गा सप्तशती का पाठ करना शुभ फलदायी माना गया है. इस रात को लाल कंबल के आसन पर बैठकर माता कालरात्रि के मंत्रों का जप करें और हवन करें. ऐसा करने से घर या परिवार के सदस्यों पर अगर कोई बुरा साया है तो वह दूर हो जाता है और धन और सुख में वृद्धि होती है.
अगर आपके कार्य बार बार अटक जाते हैं और समाज में सम्मान में कमी आ रही है तो शाम के समय एक साफ नींबू लें और उस पर चार लौंग लगा दें. फिर नींबू को चार हिस्सों में काटकर चारों दिशाओं में गाड दें. उसके बाद ॐ हनुमते नमः मंत्र का जप करें और मां कालरात्रि का ध्यान करें. ऐसा करने से बुरी नजर का साया दूर हो जाता है.
रात के समय पूजा के दौरान 108 गुलदाउदी फूलों से माला बनाएं, फिर माला को देवी मां को अर्पित कर दें. इसके बाद देवी के 32 नाम का जप करना लाभकारी रहेगा. ऐसा करने से माता का आशीर्वाद प्राप्त होता है और अपार सुख और समृद्धि में अच्छी वृद्धि होती है।
यहां दी गई सभी जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं,वास्तुशास्त्र, तंत्र शास्त्र पर आधारित हैं. Zeeupuk इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता हइसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.