Talltest Ravan Effigy of Uttar Pradesh: रावण की ससुराल कहे जाने वाले मेरठ में इस बार उत्तर प्रदेश का सबसे ऊंचा रावण बनाया गया है. मेरठ का रावण क्यों खास है आइये बताते हैं इसकी पूरी कहानी
उत्तर प्रदेश के मेरठ का रावण इस बार बहुत ही खास होने वाला है. जानकारी के मुताबिक इस बार यहां रावण, कुंभकरण और मेघनाथ के पुतले इतने ऊंचे बनाए गए हैं कि पूरे यूपी में कहीं देखने को नहीं मिलेंगे.
मेरठ में इस बार रावण के पुतले की ऊंचाई 130 फीट है. कुंभकरण के पुतले की ऊंचाई 120 फीट तो वहीं मेघनाथ के पुतले की ऊंचाई 110 फीट बताई जा रही है. इन पुतलों को बनाने वाले कारीगर असलम का दावा है कि ये यूपी के सबसे ऊंचे पुतले हैं.
ज्योतिषीय गणना के अनुसार विजयदशमी यानी दशमी तिथि, 12 अक्टूबर के दिन सुबह 10 बजकर 58 मिनट पर शुरू हो रही है. और 13 अक्टूबर को सुबह 9 बजकर 8 मिनट पर समाप्त होगी. मेरठ की रामलीला के रावण दहन का समय सूर्यास्त के बाद रात 10 बजकर 33 मिनट पर रहेगा.
बताया जाता है कि मेरठ में सालों से हो रही रामलीला उसी जगह पर होती है जहां कभी मंदोदरी तालाब में स्नान के लिए आया करती थीं. मान्यता है कि इसी तालाब पर रावण की मंदोदरी से पहली मुलाकात हुई थी.
जानकारी के मुताबिक मेरठ में सबसे पहले रामलीला की शुरूआत 119 साल पहले हुई थी. मौजूदा वक्त में यही प्रसिद्ध रामलीला मेरठ के भैंसाली ग्राउंड में होती है. दशहरा के दिन रामलीला का मंचन तीन घंटे तक होगा.
मेरठ के भैंसाली ग्राउंड में होने वाली रामलीला को देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं, अगर आप किसी कारणवश यहां रामलीला देखने नहीं आते तो आप इसे अपने घर पर भी देख सकते हैं. मेरठ की हाईटेक रामलीला का सीधा प्रसारण सभी प्रमुख सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लाइव भी किया जाता है.
दशहरा के दिन शस्त्र पूजन करने की मान्यता भगवान राम से ही जुड़ी है. बताया जाता है कि श्रीराम ने रावण का वध करने से पहले से शस्त्रों का पूजन किया था. एक दूसरी मान्यता के अनुसार मां दुर्गा ने जब महिषासुर का वध किया था तो उनके शस्त्रों का पूजन सभी देवताओं ने मिलकर किया था.
श्रीराम और मां दुर्गा से जुड़ी मान्यताओं के अनुसार कई जगह दशहरा के दिन शस्त्र पूजन किया जाता है. इस साल दशहरा पूजन का समय 12 अक्टूबर को दोपहर 2 बजकर 2 मिनट से शुरू होगा और 2 बजकर 48 मिनट तक यानी कुल 46 मिनट रहेगा.
धार्मिक मान्यता है कि श्रवण नक्षत्र में विजयदशमी का होना बहुत ही शुभ संयोग लाता है. इस दशहरा श्रवण नक्षत्र 12 अक्टूबर को सुबह 5 बजकर 25 मिनट से शुरू होकर 13 अक्टूबर की सुबह 4 बजकर 27 मिनट तक रहेगा. इस दिन कुंभ राशि में शनि शश राजयोग बनेगा. शुक्र और बुध लक्ष्मी नारायण योग के साथ शुक्र मालव्य राजयोग का निर्माण करेंगे.
यहां बताई गई सारी बातें धार्मिक मान्यताओं पर आधारित हैं. इसकी विषय सामग्री और एआई द्वारा काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.