गाय के गोबर समेत 5 पवित्र चीजों से बनती है राखी, रक्षाबंधन पर आजमाएं ये इको फ्रैंडली राखी
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गाय के गोबर समेत 5 पवित्र चीजों से बनती है राखी, रक्षाबंधन पर आजमाएं ये इको फ्रैंडली राखी

Rakshabandan 2023 : रक्षाबंधन का त्‍योहार करीब है. बाजार में तरह-तरह की राखियां आ गई हैं. ऐसे में अमेठी में एक समूह रक्षाबंधन के पहले प्राकृतिक राखी तैयार कर रहा है. समूह की महिलाओं द्वारा तैयार होने वाली राखी कई तरह की प्राकृतिक चीजों से तैयार की गई है. यह राखी बाजार से कम दामों में लोगों तक पहुंचाई जा रही है.

फाइल फोटो

Amethi News : हिन्‍दू भाई बहनों का अद्भुत रिश्तों का प्रतीक माने जाना वाला त्योहार रक्षाबंधन करीब है. बाजार में तरह-तरह की राखियां आ गई हैं. ऐसे में अमेठी में एक समूह रक्षाबंधन के पहले प्राकृतिक राखी तैयार कर रहा है. समूह की महिलाओं द्वारा तैयार होने वाली राखी कई तरह की प्राकृतिक चीजों से तैयार की गई है. यह राखी बाजार से कम दामों में लोगों तक पहुंचाई जा रही है.

ऐसे तैयार कर रहे राखी 
दरअसल, अमेठी जिले के भादर विकासखंड के भवापुर गांव में स्वामी महिला स्वयं सहायता समूह है. इसमें 12 महिलाएं और 6 पुरुष शामिल हैं. समूह की महिलाओं द्वारा गाय के गोबर पाउडर, तुलसी के बीज, कलावा धागे के साथ प्राकृतिक रंग और अन्य चीजें मिलाकर रक्षाबंधन पर्व के पहले डिजाइनिंग राखी तैयार की जा रही है. बाजारों में मिलने वाली राखी से इसकी कीमत काफी कम है.

ये राखियां पर्यावरण के लिए लाभकारी
ईको फ्रेंडली इन राखियों का इस्‍तेमाल कर प्राकृतिक को हराभरा रखने में सहयोग दे सकते हैं. ये राखियां एक तरफ स्किन को कोई नुकसान नहीं पहुंचाएंगी तो दूसरी तरफ ये पर्यावरण के लिए भी काफी लाभकारी हैं. महिलाओं का उद्देश्य है कि रक्षाबंधन के पहले हर बहनों के पास यह राखी पहुंच जाए और बहनें अपने भाइयों को प्राकृतिक राखी बांधे. समूह द्वारा हजारों की संख्या में राखी बनाकर उसे पैक कर फिर बाजारों तक पहुंचाया जाता है. इस व्यवसाय से महिलाओं को आर्थिक सहायता के साथ घर बैठे रोजगार मिला है.

5 वर्षों से कर रहे हैं काम
समूह में काम करने वाली महिला सीमा प्रजापति ने बताया कि हम राखी बना रहे हैं. हमें कहीं जाना नहीं पड़ रहा है, हमें घर बैठे रोजगार मिल रहा है. पिछले 5 वर्षों से हम यह काम कर रहे हैं. सविता यादव ने बताया कि पहले पैसों की बहुत दिक्कत होती थी, लेकिन समूह में जुड़ने के बाद हमारी सारी दिक्कतें दूर हो गईं और आज हम अच्छा-खासा मुनाफा कमा रहे हैं. लोगों तक प्राकृतिक राखी पहुंच सके, इसके लिए हम सब राखी बनाने का काम कर रहे हैं.

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