Sawan Purnima 2024 Shubh Sanyog: सनातन धर्म में पूर्णिमा तिथि का खास महत्व माना गया है. इस दिन स्नान-दान की मान्यता है. ये दिन जगत के पालनहार श्रीहरि विष्णु की पूजा आराधना के लिए समर्पित है. वहीं हर साल सावन की पूर्णिमा के दिन रक्षाबंधन मनाया जाता है. इस दिन बहने अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती हैं और उनके सुखी जीवन की कामना करती हैं. वहीं भाई भी अपनी बहन को रक्षा करने का वचन देते हैं. इस बार सावन पूर्णिमा पर बेहद दुर्लभ संयोग बन रहे हैं. जिससे इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी के पूजन से जीवन में सुख-समृद्धि के साथ खुशहाली भी आएगी. चलिए बताते हैं शुभग संयोग, पूजन विधि और उपाय.  
सावन पूर्णिमा 2024 कब ?


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

सावन पूर्णिमा और शुभ संयोग
दृक पंचांग के मुताबिक, आज सुबह 03 बजकर 04 मिनट से पूर्णिमा तिथि शुरू हुई और रात 11 बजकर 55 मिनट पर समाप्त होगी. उदयातिथि के मुताबिक, आज सावन पूर्णिमा और रक्षा बंधन मनाया जा रहा है. मान्यता है कि इस दिन व्रत करने से मनचाही इच्छाएं पूर्ण होती हैं. जीवन में मंगल ही मंगल होता है. इस बार सावन पूर्णिमा पर शोभन योग, रवि योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, लक्ष्मी-नारायण योग का संयोग बन रहा है. ऐसे में श्रावण पूर्णिमा पर व्रती को कई गुना लाभ मिलेगा. उस पर मां लक्ष्मी की अपार कृपा बरसेगी.


शोभन योग - 19 अगस्त 2024, सुबह 04.28 - 20 अगस्त 2024, सुबह 12.47
सर्वार्थ सिद्धि योग - 06:05 - 08:10
रवि योग - 06:05 - 08:10
लक्ष्मी नारायण योग - इस दिन सिंह राशि में बुध और शुक्र की युति से लक्ष्मी नारायण योग बनेगा


सावन पूर्णिमा पर दुर्लभ संयोग
ज्योतिषीय गणनाओं के मुताबिक, सावन पूर्णिमा पर इस साल शोभन योग और करण योग का निर्माण होगा. इसके साथ ही सिंह राशि में बुध और शुक्र की मौजूदगी से लक्ष्मी-नारायण योग का भी निर्माण होगा. इतना ही नहीं इस दिन श्रवण नक्षत्र का संयोग भी बनेगा. इस शुभ संयोग में भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करने से घर में खुशियां आएंगी.


कैसे करें पूजा-अर्चना?
ज्योतिष के जानकारों के मुताबिक, सावन पूर्णिमा को सुबह जल्दी उठें. स्नानादि के बाद साफ-सुथरे कपड़े पहनें, इस साल सावन पूर्णिमा सोमवार को पड़ रहा है, इसलिए इस दिन सावन समोवार का पांचवा और आखिरी व्रत भी रखा जाएगा. इस खास मौके पर लक्ष्मी-नारायण की उपासना से कई गुना अधिक शुभ फल की प्राप्ति होगी. ऐसे में पूजा के लिए फल, फूल, मिठाई, बेलपत्र, धूप-दीप, गंगाजल समेत सभी पूजा सामग्री इकट्ठा करें. सबसे पहले एक छोटी चौकी पर शिव परिवार और लक्ष्मी नारायण की प्रतिमा स्थापित करें. सभी देवी-देवताओं को फल, फूल, धूप-दीप और नेवैद्घ अर्पित करें. अब शिव-गौरी और लक्ष्मी-नारायण समेत सभी देवी-देवता की आरती उतारें. शिवलिंग पर जल और बेलपत्र चढ़ाएं. इसके बाद शाम को चंद्रोदय के समय चंद्रदेव को जल अर्पित करें.


चंद्रोदय और स्नाम दान का समय
सावन पूर्णिमा के दिन शाम 06:56PM पर चंद्रोदय होगा. इस समय आप चंद्रदेव को जल अर्घ्य दे सकते हैं और उनकी पूजा कर सकते हैं. इस दिन सुबह 04 बजकर 32 मिनट से लेकर 05 बजकर 20 मिनट पर स्नान दान के कार्यों का शुभ मुहूर्त है.


क्या करें दान-सामग्री?
सावन पूर्णिमा के दिन आर्थिक समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए कुछ खास उपाय करने की मान्यता है. ज्योतिष के जानकारों की मानें तो इस दिन आर्थिक समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए दूध या दही का दान करना चाहिए. वैवाहिक जीवन में खुशहाली के लिए सुहागिनें 16 श्रृंगार की सामग्री दान कर सकती हैं. इसके साथ ही लक्ष्मी-नारायण की पूजा के साथ गरीबों और जरुरतमंदों को अन्न, कपड़े और धन का दान करना चाहिए. मान्यता है कि इन सभी वस्तुओं के दान से जीवन में धन की कभी कमी नहीं होती.


Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है.  सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक पहुंचाई गई हैं. हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है. इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी. ZEE UPUK इसकी जिम्मेदारी नहीं लेगा.


यह भी पढ़ें:  Raksha Bandhan Shubh Muhurat:रक्षाबंधन पर राखी बांधने के सात शुभ मुहूर्त, 7.30 घंटों के भद्रा काल में भाई कलाई पर न बांधें रक्षा सूत्र